नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को शराब की दुकानों के खिलाफ 48 घंटे में कार्रवाई करने का अल्टीमेटम देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि स्कूलों, धार्मिक स्थलों और रिहायशी इलाकों के आसपास 300 से ज्यादा शराब की दुकानें चल रही हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी कई ऐसी शराब की दुकानें हैं, जो रिहायशी इलाकों में, स्कूलों और धार्मिक स्थलों के पास हैं और अगर उन्हें 48 घंटे के भीतर बंद नहीं किया गया, तो पार्टी के कार्यकर्ता, निगम कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ और मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें सील करने जाऊंगा.

 

नई आबकारी नीति का भाजपा लगातार कर रही है विरोध

नई आबकारी नीति की शुरुआत के बाद से ही भाजपा केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही है. इस नीति के तहत शहर भर में लगभग 850 शराब की दुकानें खुलने वाली थीं, क्योंकि राज्य सरकार ने खुद को शराब कारोबार से बाहर करने का ऐलान कर दिया था. विपक्षी दल ने अपनी आपत्ति के पीछे रिहायशी इलाकों, धार्मिक स्थलों और शिक्षण संस्थानों के आसपास शराब की नई दुकानें खुलने को मुख्य कारण बताया है. एक महीने पहले बीजेपी ने भी नई नीति के खिलाफ शहरभर में 15 स्थानों पर यातायात बाधित कर धरना दिया था.

 

सिर्फ 3 ड्राय डे होने पर भी उठाए सवाल

आदेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा चक्काजाम, हस्ताक्षर अभियान या विरोध-प्रदर्शनों के माध्यम से नई आबकारी नीति का लगातार विरोध कर रही है और अब हम इस नीति का जोरदार विरोध करने के लिए दिल्लीवासियों की आवाज बन गए हैं. सच तो यह है कि केजरीवाल अपने स्वार्थ के लिए इस नीति को अपनाने पर अड़े हुए हैं. यही कारण है कि पहले त्योहारों और राष्ट्रीय त्योहारों पर 21 ड्राय डे हुआ करते थे, लेकिन अब गुरु गोविंद सिंह की जयंती, दीपावली या महावीर जयंती और होली और ऐसे 18 त्योहारों पर भी शराब परोसी जा सकती है. अब तीन दिन सूखे हैं, क्योंकि शराब माफिया और केजरीवाल और उनकी पार्टी के बीच पैसे का आदान-प्रदान होगा.

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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दावा किया कि शहर के 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों में अब मास्टर प्लान या नगरपालिका कानूनों के उल्लंघन में शराब की दुकानें होंगी, उन्होंने कहा कि पहले शराब की दुकान खोलने के लिए स्थानीय आरडब्ल्यूए और महिलाओं से परामर्श किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया था. ऐसी 850 दुकानें खोली जा रही हैं और कई तो खुल भी चुकी हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में शराब की रोजाना औसत बिक्री लगभग 50 करोड़ रुपये और सालाना 20,000 करोड़ रुपये है, इसलिए केजरीवाल सरकार 18 दिन और जोड़कर सीधे शराब माफियाओं की मदद कर रही है और उनसे होने वाले मुनाफे का अपना हिस्सा भी ले रही है.

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दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति की शुरुआत करते हुए भगवा पार्टी पर भी यही आरोप लगाते हुए दावा किया था कि यह नीति केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय शराब माफियाओं के तौर-तरीकों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा देगी, जबकि दिल्लीवासियों के शराब खरीदने के अनुभव में क्रांति लाएगी. शराब की दुकानों को नया आकार दे रही है.