भोपाल. इस वर्ष का विधानसभा चुनाव बेहद खास है क्योंकि इस बार के मध्य प्रदेश विधानसभा मे करोड़पति अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार 2899 में से 656 करोड़पति प्रत्याशी इस बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
बता दें कि यह कुल उम्मीदवारों का 24%है। इस संख्या में 2013 के चुनाव के मुकाबले 5% बढ़ोतरी हुई है। उस समय 2494 प्रत्याशियों में से 472 करोड़पति प्रत्याशी चुनाव लड़े थे। यह आंकड़ा कुल प्रत्याशी का 19% था। इस बार का चुनाव इसलिए भी खास क्योकि इस बार चुनाव मैदान मे सत्तारुढ़ पार्टी भाजपा ने सबसे ज्यादा 179 (81%) और कांग्रेस ने 173 (79 %) वही बसपा ने 52 (24%),करोड़पति प्रत्याशी इस बार चुनावी मैदान में उतारे हैं।
रिपोर्ट बताती है कि बसपा के चार विधायक दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं, जिनकी औसत संपत्ति में 4,51 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के 107 विधायकों की संपत्ति में 3.89 करोड़ रुपए और कांग्रेस के 53 विधायकों की औसत संपत्ति में 3.23 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। संपत्ति में सबसे ज्यादा इजाफा बसपा की 140 प्रतिशत, भाजपा 85 प्रतिशत और कांग्रेसी विधायकों की संपत्ति 49 प्रतिशत बढ़ी। भाजपा के 107 विधायकों ने 2013 में 4 करोड़ से ज्यादा संपत्ति दर्शाई थी, जो 2018 में औसत साढ़े 8 करोड़ हो गई।
कांग्रेसी विधायकों ने 2013 में 6 करोड़ और 2018 में 9 करोड़ की सपंत्ति दिखाई। वहीं बसपा उम्मीदवारों ने 2013 में 3 करोड़ की संपत्ति दर्शायी, जो 2018 में बढ़ कर 7 करोड़ पहुंच गई। भाजपा के टिकट पर विजयराघवगढ़ से चुनाव लड़ रहे और प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके संजय सत्येन्द्र पाठक सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। उन्होंने 226 करोड़ रुपए की संपत्ति दिखाई है। उनकी मध्य प्रदेश में सायना नाम से हेरिटेज होटल की चेन है। वहीं राज्य के निर्वतमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी 7 करोड़ संपत्ति घोषित की है।
प्रदेश का चुनावी मैदान इसलिए भी खास क्योकि इस बार ऐसे 146 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति तो 1 करोड़ रुपए से अधिक बताई लेकिन अभी तक निर्वचन आयोग को आय का स्रोत और आयकर विवरण नहीं दिया है। इस बार मध्य प्रदेश में संजय नाम के तीन प्रत्याशी है, जिनकी संपत्ति 100 करोड़ से अधिक है।