सुप्रिया पांडेय, रायपुर। कांग्रेस के मौन प्रदर्शन पर भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कड़ी टिप्पणी करते कहा कि ये एक तरफ महात्मा गांधी के नाम पर मौन धरना देते हैं, और दूसरी तरफ घर-घर शराब पहुंचा रहे हैं. गांधीजी सबसे बड़े शराब विरोधी थे, गांधी जी ने प्रभु राम का नाम लिया. माता सीता और प्रभु श्रीराम को छत्तीसगढ़ की धरती पर गाली दी जाती है, और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती. यह सरकार ‘मुंह में राम, बगल में छुरी वाली’ है. ये कालनेमी राक्षस हैं, जो प्रभु राम का नाम लेकर लोगों को छलने की कोशिश कर रहे.

देश के विभाजन को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आरोप पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की कोई विचारधारा है ही नहीं, कांग्रेस आजादी की लड़ाई के लिए बनी हुई एक पार्टी थी, बाद में जिसने राजनीतिक दल का रूप लिया, इसलिए कांग्रेस पार्टी अब कुछ भी करें, उससे फायदा नहीं होगा. तुष्टीकरण की राजनीति हमेशा कांग्रेस ने की है, बीजेपी ने तो सबका साथ सबका विकास किया है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अलग-अलग धर्म की अलग-अलग संहिता बनाई, अगर यह काम कांग्रेस आजादी के बाद नहीं करती तो यह परिस्थितियां पैदा नहीं होती. पाकिस्तान आखिर कैसे बना, जिस गांधी जी ने कहा था कि इस देश का विभाजन होगा तो मेरी लाश के ऊपर होगा, उन्हें मजबूर कर इन लोगों ने अपने आप को प्रधानमंत्री बनाने लिए देश का विभाजन कर दिया. यह पूरा देश और दुनिया जानती है.

राम मंदिर को लेकर सीएम भूपेश के सवाल पर बृजमोहन अग्रवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई हो रही थी, तो राम मंदिर के निर्माण पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के तमाम नेताओं ने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे. आज उनकी मजबूरी हो गई है भगवान राम को मानने की.

वहीं सीएम भूपेश के “कालीचरण को गालीचरण” कहने पर भाजपा नेता ने कहा कि किसी के विद्वता पर प्रश्नचिन्ह लगाने की आवश्यकता नहीं है, अगर मैं सीएम के पद को ही चैलेंज कर दूं तो कैसा लगेगा, हम भी कई बार उनके विचारों से सहमत नहीं होते, पर कानून सबके लिए बराबर है, गाली देने के लिए जो धाराएं सब पर लगती है, वही धाराएं कालीचरण पर भी लगनी चाहिए, लेकिन उन पर और भी कई धाराओं पर मामला दर्ज किया गया है, जो कानून का उल्लंघन है.

इसके साथ ही ‘ओमिक्रान’ को लेकर सरकार के तैयारियों पर सवाल उठाते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार मीडिया में बड़ी बात करती है. प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है, तो बाकी अस्पतालों का अंदाजा खुद लगाया जा सकता है.