नई दिल्ली। इस दुनिया में मां से बढ़कर कुछ नहीं है. रिश्ते, नाते, अपने, बेगाने… मां की ममता के सामने सब फीके हैं. मां के लबों पर कभी बद्दुएं नहीं होती, एक मां ही है जो कभी खफा नहीं होती, लेकिन कभी-कभी अपना खून ही जख्म परोसने लग जाता है. दूध का कर्ज अदा करने की बारी आती है, तो मुंह फेर लेते हैं. ऐसा ही मामला यूपी में देखने को मिला, जहां BJP नेता मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी बनने के बजाए, उनके बुढ़ापे की राह में कांटे बिछा दिया. BJP नेता ने अपनी मां को घर से बाहर निकाल दिया. अब मां दर-दर की ठोकरें खा रही है.

मां पर कहर बरपा रहा BJP नेता !

दरअसल, उत्तर प्रदेश में हमीरपुर जिले के BJP नेता ने अपनी बूढ़ी और बेबस मां को घर से बाहर निकाल दिया. इसके बाद वह बूढ़ी मां वृंदावन में भटकती रही. जब उनकी कहानी के बारे में एक भक्ति चैनल को पता चला, तो उन्होंने बूढ़ी मां की कहानी सबको सुनाने का फैसला किया. इसके बाद भक्ति चैनल के कथा वाचक ने मां के दर्द को लाइव दिखाया.

बताया जा रहा है कि बुजुर्ग महिला के बेटे का नाम प्रमोद अग्रवाल है. वह भाजपा नेता मंडल अध्यक्ष है. वे तीन भाई हैं और सम्पन्न हैं, फिर भी तीनों बेटों ने अपनी बूढ़ी मां को घर में रखकर उनकी सेवा करना उचित नहीं समझा. परिणामस्वरूप बूढ़ी मां वृंदावन में भटक रही है.  

एक भक्ति चैनल के कथा वाचक ने बीजेपी नेता की बूढ़ी मां के दर्द की दास्तां सुनाई जिसे सुनकर लोगों के होश उड़ गए. कथा वाचक ने बताया कि किस तरह उस बूढ़ी मां के बेटों ने उसे वृंदावन के वृद्ध आश्रम में भटकने के लिए छोड़ दिया. उन्होंने बताया कि न सिर्फ तीनों बेटों ने उनको घर से निकाला बल्कि उन्होंने अपनी बूढ़ी मां के साथ मारपीट करने की कोशिश भी की. अब यह मां दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर है. बूढ़ी मां ने भी अपना दर्द कथा वाचक के सामने बताया है.
 

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद पता चला कि बुजुर्ग महिला हमीरपुर के मंडल अध्यक्ष बीजेपी के प्रमोद अग्रवाल की मां हैं. प्रमोद अग्रवाल का इस पर कहना है कि यह सही है कि वह उनकी मां हैं, लेकिन वह मेरी बहन के घर थीं और सारी चीजें कैसे हुईं यह मुझे नहीं पता.

बहरहाल, जिसके पास मां नहीं है, उनसे पूछिए मां की ममता क्या होती है. उनसे पूछिए बिन मां के कैसे एक-एक पल बिताते हैं, उनसे पूछिए की मां क्या होती है. आज एक बेबस मां दर-दर की ठोकरें खा रही हैं, लेकिन कलयुगी बेटों की करतूत देखिए, क्या उस बेबस मां के आसुंओं को कभी पोंछ सकते हैं. जिस मां ने 9 महीने तक अपने कोख में पाला, आज जब सहारा बनने की बारी आई, तो उस मां को सड़कों पर ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया गया.

  

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