नेहा केशरवानी, रायपुर. महादेव एप मामले में गिरफ्तार आरोपी असीम दास के वायरल चिट्ठी को लेकर भाजपा नेता केदार गुप्ता ने चिट्ठी की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि चिट्ठी में असीम दास के हस्ताक्षर हैं कि नही? असीम दास जेल में है, चिट्ठी में असीम दास की हैंड राइटिंग हैं कि नहीं ? किसके दबाव में वो पत्र लिख रहा है? ये जांच का विषय है. केदार गुप्ता ने कहा कि ED ने पूछताछ की उसके बाद बयान जारी किया है. इसी आधार पर न्यायलय ने भी उन्हें जेल में भेजा है. चिट्ठी की जांच होनी चाहिए.
बता दें कि महादेव एप मामले में गिरफ्तार आरोपी असीम दास का प्रवर्तन निदेशालय के संचालक को लिखा एक कथित हस्तलिखित पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. कथित पत्र में उसने शुभम सोनी उर्फ पिंटू और उसके साथियों द्वारा षड़यंत्रपूर्वक फंसाए जाने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वर्मा या कांग्रेस पार्टी के किसी नेता-कार्यकर्ता को पैसे या अन्य किसी तरीके से पैसे या अन्य प्रकार से सहयोग पहुंचाने से इंकार किया है.
असीम दास के कथित पत्र के अनुसार, उसने जेल दाखिल होने के बाद अख़बार में जब ख़ुद से संबंधित खबर पढ़ी तो वह हैरान हो गया. दास के अनुसार शुभम् सोनी के वह दुबई में मिला था और सोनी ने उसे छत्तीसगढ़ में कंस्ट्रक्शन कारोबार में मदद का वादा कर वापस छत्तीसगढ़ भेजा था. पत्र में लिखता है कि अख़बारों में जो बात लिखी गई है कि उसके पास से जप्त की गई नगद राशि को वह छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को देने आया था, वह पूर्णतः असत्य है. उसे बहुत बड़े षड्यंत्र में फंसाया जा रहा है.
असीम दास के कथित पत्र ने अनुसार, वह शुभम् सोनी के साथ वह बचपन में क्रिकेट खेलता था. 8 अक्टूबर 23 को वह उससे मिलने दुबई गया. दुबई में सोनी के सहयोगियों ने उसे दुबई घुमाया पर सोनी से मुलाक़ात नहीं हुई और वह भारत वापस आ गया. इसके बाद 25 अक्टूबर 23 को वह फिर से दुबई गया, अबकी बार उसकी शुभम सोनी से मुलाकात हुई. सोनी ने उसे छत्तीसगढ़ में कंस्ट्रक्शन कारोबार में मदद का वादा कर वापस भेजा और समय आने पर यूरोप शिफ्ट करने का आश्वासन दिया. शुभम् सोनी इस दौरान दुबई छोड़कर ऐम्सटर्डम या लंदन में शिफ्ट होने की बात कर रहा था.
पत्र के अनुसार, सोनी के लोगों ने असीम दास को एप्पल कंपनी का फ़ोन दिया. उसे बताया गया कि रायपुर एयरपोर्ट पर एक काली इनोवा गाड़ी उसे मिलेगी, जिसे लेकर उसे ट्राइटन होटल जाना है. होटल जाने के बाद रात 2 बजे उसे मेन रोड आने बोला गया. रोड में एक आदमी ने उसे कार्बन कंपनी का मोबाइल दिया. थोड़ी देर में उसकी गाड़ी में किसी ने नोट से भरे बैग रखे. गाड़ी पार्किंग करने के बाद वह रूम चला गया, जहां अचानक उसे ईडी के अधिकारियों ने गिरफ़्तार कर लिया और अंग्रेज़ी बयान पर उससे साइन कराया गया.
चिट्ठी में असीम दास ने अपनी गिरफ़्तारी को षड्यंत्र बताते हुए कहा कि उसे फंसाया जा रहा है और उसने पूरे प्रकरण की जाँच की माँग की है। असीम दास ने ख़ुद के द्वारा इस्तेमाल किए गए सिम की, काले रंग की बाइक में बिना हेलमेट और मास्क के आए व्यक्ति की सीसीटीवी के माध्यम से शिनाख्त के साथ होटल ट्राइटन के सीसीटीवी समेत अनेक बिन्दुओं पर जांच की मांग की गई है.
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