रायपुर- भाजपा नेता प्रकाश बजाज की गिरफ्तारी को पार्टी ने पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. भाजपा नेताओं ने रायपुर एसपी को शिकायत कर मांग की है कि सिविल लाइन्स थाना इंचार्ज की भूमिका की जांच करवाएं. तथा पार्टी नेता के सम्मान को ठेस पहुंचाने और उनके माता-पिता के जीवन को खतरे में डालने के लिए उन्हें दंडित किया जाए.

भारतीय जनता पार्टी ने शिकायत में कहा है कि 19 मई रविवार को दोपहर सिविल लाईन्स पुलिस द्वारा भाजपा नेता प्रकाश बजाज से उनके घर जाकर कहा गया कि थाने में बयान देना है. इसके लिए सीएसपी साहब ने बुलाया है. जब प्रकाश बजाज थाने पहुंचे तो कहा गया कि आपको छेड़छाड़ और जान से मारने की धमकी के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है.

ये गिरफ्तारी पूरी तरह पक्षपात पूर्ण ढंग से दुर्भावना पूर्वक की गई है, क्योंकि जिस महिला की शिकायत पर ये कार्यवाही हुई है उन्होनें पहले भी यही झूठे आरोप बजाज पर लगाए थे, जो कि पुलिस जांच में झूठे पाये गए थे. तब महिला ने पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य की रिपोर्ट के साथ उच्च न्यायालय में गुहार लगाई. उच्च न्यायालय से भी मामला खारिज हो गया.

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वास्तव में ये मामला इस प्रकार है कि उस महिला और बजाज के बीच मकान की खरीदी बिक्री का विवाद है. महिला ने कुछ पैसे देकर बाकी पैसे फायनेन्स कराने की बात कही थी लेकिन बाद में पूरा पैसा दिये बिना रजिस्ट्री कराने की जिद करने लगी थी. इस तरह ये विवाद उत्पन्न हो गया था.

ये मामला पूरी तरह फर्जी और झूठा है. बेबुनियाद है. साफ जाहिर है कि पुलिस ने दबाव में काम किया है. बिना जांच और बिना पक्ष सुने आनन-फानन में कार्यवाही करने में पुलिस ने अनावश्यक रूचि दिखाई.

किसी शरीफ और भाजपा नेता को इस तरह गिरफ्तार करने से उनकी व्यक्तिगत और पार्टी की छवि को अपूरणीय क्षति पहुंच रही है. इसके अलावा बजाज के घरवालों को मानसिक आघात पहुंचा है. प्रकाश बजाज के माता एवं पिता को ब्लड प्रेशर की तकलीफ है. यदि उन्हें कोई नुकसान होता है तो कौन जवाबदार होगा ?

सिविल लाईन्स थाना की पुलिस की इस कार्यवाही से भाजपा में रोष व्याप्त है. आम जनमानस में प्रशासन से भय का वातावरण है. एक प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि के साथ पुलिस ऐसी दादागिरी कर सकती है तो आम आदमी का जीवन कैसे सुरक्षित समझा जाए ?