कुमार इंदर, जबलपुर। एक तरफ तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बोल रहे है कि हर व्यक्ति मास्क लगाए और जो न लगाए उस पर सख़्त कार्रवाई हो। यही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद आगे आकर लोगों को मास्क पहना भी रहे हैं। लेकिन यह क्या ये जनाब तो खुलेआम मुख्यमंत्री की अपील और मध्य प्रदेश सरकार की गाइड लाइन का माखौल उड़ा रहे हैं । यह जनाब कोई और नहीं बल्कि जबलपुर में भाजपा के मंडल महामंत्री हैं। इन्हें सिर्फ इस बात पर गुस्सा आ गया कि पुलिस वालों ने इनसे मास्क ना पहनने की वजह पूछ ली, बस फिर क्या था जनाब का गुस्सा सातवें आसमान पर चल गया।
साहब का गुस्सा का सातवें आसमान पर चढ़ना लाजिमी भी है । भला जनाब भाजपा के मंडल महामंत्री जो ठहरे। और फिर सूबे में सरकार भी तो अपनी ही पार्टी की है तो फिर डर किसका। तभी तो जरा सी बात पर जनाब ने पुलिस वालों को वर्दी उतरवा देने की धमकी तक दे डाली।
एसपी-कलेक्टर को भी बुलवा लो… वर्दी उतरवा दूंगा
नेताजी अपना रौब झाड़ने के चक्कर में ये भूल बैठे कि वह, सड़क पर हैं। देखते ही देखते सड़क पर तमाशबीनों की भीड़ उमड़ गई। नेताजी यहीं नहीं रुके, सड़क पर बैठ गए और कहने लगे कि मैं किसी से नहीं डरता। जाओ एसपी को बुलाओ कलेक्टर को बुलाओ, सबको बुलवाओ.. मैं सबकी वर्दी उतरवा दूंगा।
ये हैं वो नेता
मामला अहिंसा चौक का है जहां बिना मास्क रोके जाने पर खुद को भाजपा के सांसद मीडिया प्रभारी बताने वाले ऋषभ दास,रंजीत ठाकुर और मण्डल महामंत्री पुष्पराज पांडे ने जमकर हंगामा कर दिया। पहले तो इन लोगों ने महिला पुलिस आरक्षक से बदतमीज़ी की और फिर मण्डल महामंत्री सड़क पर बैठ गए। भाजपा कार्यकर्ता मौक़े पर कलेक्टर और एसपी को बुलाने की मांग करने लगे और पुलिस की वर्दी उतरवा देने की धमकी देने लगे। काफ़ी देर चली नौटंकी का राह चलते लोगों ने वीडियो भी बना लिया जो अब वायरल हो रहा है । बाद में पुलिस के बड़े अधिकारियों के दख़ल के बाद मामला शांत हुआ।
अधिकारी खामोश
बात बेबात पर आम जनता पर डंडे बरसाने वाली शिवराज की पुलिस इस घटना के बाद खामोश है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब किसी ने एफआईआर नहीं कराई तो कार्रवाई किस बात की। सीएसपी सचिन धुर्वे से का कहना है कि मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। मैं जानकारी जुटाने के बाद मामले में कार्रवाई करूंगा। लेकिन जब हमने विजय नगर थाना टीआई सोमा मालिक से बात की उनका यह कहना है कि दोनों पक्षों ने इस मामले में कोई शिकायत नहीं की है। शिकायत होती है तो कार्रवाई जरूर की जाएगी।
जाहिर है पुलिस कार्रवाई भी क्यों करती.. पुलिस को चुनौती देने वाला वर्दी उतरवाने की धमकी देने वाला कोई आम आदमी थोड़े ही था बल्कि सत्ताधारी दल का नेता जो ठहरा.. नहीं तो मध्यप्रदेश की बहादुर पुलिस का डंडा क्या खामोश रह पाता.. न जाने कितने बार बरस पड़ता और कहां-कहां अपने निशान छोड़ जाता, यह कहना मुश्किल है। सिर्फ इतना ही नहीं महामारी एक्ट के साथ ही शासकीय कार्य में बाधा जैसी न जाने कितनी धाराएं अब तक लग भी चुकी रहती