भोपाल. मध्य प्रदेश में CM फेस को लेकर जारी सस्पेंस खत्म हो गया है. BJP ने मध्य प्रदेश की कमान राज्य के बड़े नेता मोहन यादव के हाथों में सौंपने का फैसला लिया है. यानी अब मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री मोहन यादव होंगे. पर्यवेक्षकों ने बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद मोहन यादव के नाम की घोषणा की. जबकि जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल प्रदेश के डिप्टी सीएम होंगे. पार्टी ने नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष बनाया है.
सुबह करीब 11 बजे केंद्रीय पर्यवेक्षक राजधानी भोपाल पहुंचे और जिसके बाद कोर ग्रुप के साथ बैठक की. बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, पर्यवेक्षकगण हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण, पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा बैठक में मौजूद रहे. जिसके बाद विधायकों के साथ बैठक हुई और सीएम के नाम पर मंथन हुआ. विधायक दल की बैठक में सीएम का नाम तय होने के बाद मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान हुआ.
जानिए राजनीतिक सफर
छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले मोहन यादव बीजेपी के स्थापित नेता हैं.उज्जैन संभाग के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है. मोहन यादव माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी. पार्टी में कई पदों पर रहने के बाद सरकार में उन्हें पहले मंत्री बनने का मौका मिला और अब वे प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने हैं. कई बार वह बयानों को लेकर प्रदेश की राजनीति में चर्चा में रहे हैं.1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं.
मोहन यादव ने वर्ष 1984 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 मे विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली. यही नहीं वर्ष 1988 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं. 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं. 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे हैं.
संघ में सक्रियता की वजह से मोहन यादव 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई.1998 में उन्हें पश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य भी बने.इसके बाद उन्होंने संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया. 2004-2010 के बीच वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहें. 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) भी बने.