हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर को सातवीं बार देश के सबसे साफ शहर का खिताब मिला है। इसी बीच शहर में प्रदूषण और यातायात की समस्याओं को कम करने के उद्देश्य से रविवार को ‘नो कार डे’ मनाया गया। जिसमें सभी नेता और अधिकारी ने कारों का इस्तेमाल छोड़कर ई-रिक्शा, साइकिल, या इलेक्ट्रिक बाइक जैसे वैकल्पिक साधनों का उपयोग कर रहे थे। इसी बीच विधायक रमेश मेंदोला का ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना हेलमेट के इलेक्ट्रिक बाइक पर सफर करते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है।
दरअसल, शहर में प्रदूषण और यातायात की समस्याओं को कम करने के उद्देश्य से रविवार को ‘नो कार डे’ मनाया गया। इस पहल के तहत सभी नेता और अधिकारी अपनी निजी कारों का इस्तेमाल छोड़कर ई-रिक्शा, साइकिल, या इलेक्ट्रिक बाइक जैसे वैकल्पिक साधनों का उपयोग कर रहे थे। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इलेक्ट्रिक बाइक से दफ्तर पहुंचकर इस अभियान का समर्थन किया। वहीं इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और एमआईसी सदस्य साइकिल से नगर निगम कार्यालय पहुंचे। इस पहल को लेकर पूरे शहर में जागरूकता का माहौल था, और लोगों ने इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा। लेकिन, इस अभियान के बीच, क्षेत्र क्रमांक 2 से विधायक रमेश मेंदोला का ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना हेलमेट के इलेक्ट्रिक बाइक पर सफर करते हुए देखा जाना चर्चा का विषय बन गया। सोशल मीडिया पर उनकी यह तस्वीरें तेजी से वायरल हो गईं।
नेता स्वयं ही नियम तोड़ रहे हैं!
इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा पहले ही ‘ट्रैफिक मित्र अभियान’ की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य था कि नेता और जनप्रतिनिधि खुद चौराहों पर ट्रैफिक नियमों का पालन करवाएं और आम जनता को जागरूक करें। लेकिन रमेश मेंदोला का बिना हेलमेट सफर करने का मामला जनता में गलत संदेश पहुंचा रहा है। इससे पहले भी, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे बिना हेलमेट के एक्टिवा चला रहे थे। ऐसे में सवाल उठता है कि जो नेता खुद ही नियमों का पालन नहीं कर रहे, वे जनता को नियमों का पालन कैसे करवा पाएंगे?
नो कार डे का मुख्य उद्देश्य था कि शहर के नागरिक और अधिकारी अपने निजी वाहनों का उपयोग न करें और वैकल्पिक साधनों से यात्रा करें, ताकि प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्याओं को कम किया जा सके। इंदौर के कई अधिकारी और नेता इस पहल का समर्थन करते हुए साइकिल, ई-रिक्शा, और इलेक्ट्रिक बाइक से सफर करते नजर आए। लेकिन रमेश मेंदोला का बिना हेलमेट सफर करना इस पूरे अभियान पर सवाल खड़े करता है। जब सार्वजनिक जीवन में जुड़े लोग ही नियमों का उल्लंघन करेंगे, तो आम जनता को इन नियमों का पालन करने के लिए कैसे प्रेरित किया जा सकता है?
इंदौर में ‘नो कार डे’ एक महत्वपूर्ण पहल थी, जो पर्यावरण और यातायात सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम था। लेकिन विधायक रमेश मेंदोला द्वारा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना इस अभियान को कमजोर करता है। नेताओं को चाहिए कि वे जनता के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करें और स्वयं ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए अपने पद की गरिमा बनाए रखें।
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