जयपुर. राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के महात्मा गांधी और सावरकर पर दिए गए हालिया बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने इस बयान पर आपत्ति जताई है.

गोपाल शर्मा का पत्र और प्रमुख बिंदु

बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने 17 जुलाई को लिखा गया पत्र सार्वजनिक किया, जिसमें उन्होंने टीकाराम जूली के बयान का विरोध किया है. पत्र में गोपाल शर्मा ने उल्लेख किया है कि जूली ने 15 जुलाई 2024 को विधानसभा में बजट चर्चा के दौरान कहा था कि महात्मा गांधी को जानबूझकर नीचा दिखाया जा रहा है और सावरकर के गांधी से मिलने की कोई पुष्टि नहीं है.

गोपाल शर्मा ने अपने पत्र में कहा, “टीकाराम जूली ने कहा कि गांधीजी की जीवनी और डायरी में सावरकर से संबंधित कोई उल्लेख नहीं है. यह भी दावा किया गया कि दोनों 1905 में कभी मिले थे.” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी भी महापुरुष को नीचा दिखाने से राष्ट्र को कोई लाभ नहीं होगा और महापुरुषों की तुलना न की जाए.

सावरकर पर गांधी का दृष्टिकोण

पत्र में गोपाल शर्मा ने महात्मा गांधी की डायरी का भी उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि गांधीजी ने 1 मार्च 1927 को रत्नागिरी में एक सभा को संबोधित करते हुए सावरकर की सेवाओं की सराहना की थी. गांधीजी ने कहा था कि उन्होंने सावरकर से गहरा परिचय प्राप्त किया है और उनके त्याग और मातृभूमि की सेवा की सराहना की है.

भैरों सिंह शेखावत का संदर्भ

गोपाल शर्मा ने पत्र में पूर्व उपमुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “मैंने भैरों सिंह शेखावत के साथ 27 वर्षों तक काम किया और आपके नेतृत्व में कुछ सीखने की आशा करता हूं.”

उन्होंने जूली से विनम्र अपील की कि वे तथ्यों पर आधारित संदर्भ लें और महापुरुषों की प्रतिष्ठा को बनाए रखने की कोशिश करें. गोपाल शर्मा ने अपने पत्र में यह भी कहा कि वे पहली बार विधानसभा सदस्य बने हैं और विद्वान विधायकों से मार्गदर्शन की अपेक्षा करते हैं.