रायपुर- मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह के लोक सुराज अभियान पर चुटकी लेते हुए पीसीसी चीफ भूपेश बघेल के ओपन लेटर पर बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने जमकर चुटकी ली है. उन्होंने अपने आफिशियल ट्विटर हैंडलर के जरिए भूपेश बघेल के नाम जारी पत्र में कई गंभीर टिप्पणी की है.

 

 

शिवरतन शर्मा ने अपने ट्विट में लिखा है कि-

जी आपकी सरकार की पहचान तो बंद लिफाफे में भ्रष्टाचार की थी अब ‘अचानक’ आपने खुला पत्र लिखकर परंपरा तोड़ दी।’अचानक’ लिखे पत्र में आप अपने बारे में लिखना भूल गए थे,इसलिए मैं इस पत्र में आपका चरित्र लिख रहा हूं. कृपया सावधानी पूर्वक पढ़िए ‘अचानक’ सदमा न आ जाए.

इतना ही नहीं शिवरतन शर्मा ने ट्विटर के जरिए ‘ डियर अचानक, पीड़ित भूपेश बघेल जी’ नाम से संबोधित करते हुए जारी किए गए पत्र में लिखा है कि- आपकी जिंदगी में अचानक-अचानक इतना कुछ हो रहा है कि आप कुछ समझ ही नहीं पा रहे हैं. आपकी पूरी राजनीति अचानक पर ही टिकी है. तभी तो जनता और कांग्रेस के बीच आपकी छवि अचानक पीड़ित नेता बन गई है. आप पर यह अचानकपन इतना हावी है कि अचानक आपको याद आता है कि 2018 में चुनाव होने वाले हैं.

 

भूपेश का ओपन लेटर जो सीएम को लिखा गया था

मेढ़ों पर चलते मुख्यमंत्री: ‘अचानक’ सुराज पर खुला खत

रमन सिंह जी,

आपका ‘अचानक’ सुराज इन दिनों मीडिया में छाया हुआ है. आप ‘अचानक’ किसी भी गांव में चले जाते हैं, वहां ‘अचानक’ आपके अफ़सर मौजूद रहते हैं और ‘अचानक’ आसपास के गांव के लोग इकट्ठे होते हैं और आप ‘अचानक’ उस गांव में सुराज स्थापित कर देते हैं. लोग ‘अचानक’ तालियां बजाते हैं.

15 साल के मुख्यमंत्री का यह ‘अचानक’ सुराज प्रभावित करने वाला है.

कल आपका हेलिकॉप्टर ‘अचानक’ खेतों में उतरा. आश्चर्य है कि वहां आपकी फोटो खींचने के लिए टीम पहले से ‘अचानक’ पहुंची हुई थी. गांव वाले बेचारे हेलिकॉप्टर देखने दौड़े तो आपकी टीम को लगा कि वे आपने मिलने भाग रहे हैं. वैसे उन्हें ‘अचानक’ कैसे पता चला कि हेलिकॉप्टर में मुख्यमंत्री ही आ रहे हैं. फिर आप ‘अचानक’ खेतों की मेढ़ों से होकर गांव पहुंचे. वहां भी फोटो लेने वाली और वीडियो बनाने वाली आपकी टीम ‘अचानक’ पहुंची हुई थी.

सुना है कि आपने ‘अचानक’ किसी ट्यूबवेल का पानी पी लिया और पाया कि पानी बहुत मीठा है. कई लोगों ने पूछा कि सुना है सुपेबेड़ा में दूषित पानी पीने से ही लोगों की किडनी ख़राब होती जा रही है तो क्या मुख्यमंत्री एक दिन ‘अचानक’ सुपेबेड़ा जाकर इसी तरह पानी पीकर दिखा सकते हैं?

अब ऐसे सवालों का क्या जवाब दें? आप एक ऐसे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं जो 70 प्रतिशत ग्रामीण इलाक़ों में बसता है. अब आप गांव देहात जाएंगे तो मेढ़ों से ही जाना होगा. अब आप अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप या ब्रिटेन के राजघराने के वारिस तो हैं नहीं कि कभी मेढ़ों पर न चलें हों. हां मुख्यमंत्री बनने के बाद ज़रूर आपके पांव ज़मीन पर कम पड़ते हैं लेकिन इसमें ख़बर बनाने जैसी क्या बात हो गई?

कुछ लोग और कुछ समूह आपके ऐसे दीवाने हो गए हैं कि आप सांस भी छोड़ते हैं तो वे उसमें प्राणवायु महसूस करते हैं. हो सकता है कि ‘अचानक’ आपका प्रचार तंत्र उन्हें यह अहसास कराता हो.

आप इन दिनों कहीं ‘अचानक’ टेबल कुर्सी पर बैठकर बच्चों के साथ मिड डे मील ले रहे हैं तो कहीं ‘अचानक’ आत्मसमर्पित नक्सलियों के साथ भोजन करते हैं. कहीं‘अचानक’ अपनी कलम निकालकर किसी बच्चे को दे देते हैं तो बस्तर में ‘अचानक’ मोटरसाइकिल पर सवार हो जाते हैं.

पिछले साल भी आपने ‘अचानक’ सुराज स्थापित करने के लिए बड़ी मेहनत की थी. मुझे तस्वीरें याद हैं. एक दिन आप ‘अचानक’ एक ग़रीब के घर चाय पीने पहुंचे थे. ‘अचानक’ वहां मिनरल वॉटर की बोतल से चाय बनी थी. फिर एक दिन आपने किसी के घर ‘अचानक’ खाना खाने का फ़ैसला किया था तो ‘अचानक’ एक चमकदार स्टील की थाली में आपने भोजन किया था. ऐसे ही एक दिन ‘अचानक’ आपने किसी का नया चमकता टिफ़िन लेकर खाना खा लिया था. फिर एक दिन‘अचानक’ एक महिला ऑटो ड्राइवर के ऑटो रिक्शा में बैठकर चल पड़े थे.

‘अचानक’ आपकी तस्वीरें दिखाने की कोशिश कर रही हैं कि आप बेहद संवेदनशील, बहुत मिलनसार और एकदम ज़मीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं. अगर आप सच में ऐसे हैं तो फिर ये ‘अचानक -अचानक’ का सुराज क्यों कर रहे हैं मुख्यमंत्री जी? सरकार तस्वीरों से नहीं चलती और मुख्यमंत्री की छवि भी तस्वीरों से नहीं बदलती. ‘अचानक’ सुराज से न तो भ्रष्टाचार छिपता है और न कमीशनखोरी के आरोप धुलते हैं और न लोग किसानों की आत्महत्या भूलते हैं.

आपका यह प्रायोजित ‘अचानक’ सुराज लोगों को समझ में आ रहा है या नहीं? देखिएगा कि ‘अचानक’ जनता इस सुराज को ग़लत न समझ बैठे और चुनावों में आपकी पार्टी ‘अचानक’ सिर्फ़ तस्वीरों में ही बच जाए.

सादर,
भूपेश बघेल