रायपुर- मंत्री राजेश मूणत के कथित सेक्स सीडी मामले में आरोपी बनाए गए वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा से बीजेपी सांसद रमेश बैस की मुलाकात चर्चाओं में हैं. लल्लूराम डाॅट काम को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक रमेश बैस ने पिछले दिनों रायपुर सेंट्रल जेल में विनोद वर्मा से मुलाकात की है. जेल प्रशासन ने इस मुलाकात की पुष्टि की है. हालांकि चौंकाने वाली बात यह है कि रमेश बैस ने विनोद वर्मा से मुलाकात की खबरों का खंडन किया है.
इधर जेल मुख्यालय के डीआईजी के के गुप्ता ने लल्लूराम डाॅट से हुई बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि रमेश बैस ने विनोद वर्मा से मुलाकात के लिए आवेदन दिया था. इस आवेदन के आधार पर ही उन्हें अनुमति दी गई.
हालांकि दोनों के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा फिलहाल नहीं मिल सका है. बताया जा रहा है कि यह मुलाकात 9 दिसंबर, शनिवार को हुई है. इससे ठीक एक दिन पहले कुर्मी समाज ने विनोद वर्मा के खिलाफ हुई कार्रवाई के विरोध में राजधानी में रैली निकाली थी. इस रैली में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा समेत समाज के कई बड़े नेता मौजूद थे. रैली के पहले हुई छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी समाज की केंद्रीय कमेटी की बैठक में विनोद वर्मा के खिलाफ हुई कार्रवाई पर विरोध जताए जाने पर सहमति बनाई गई थी. केंद्रीय कमेटी ने तय किया था कि समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले बड़े नेता चाहे किसी भी राजनीतिक दलों के क्यों ना हो, वह इस रैली में शामिल होंगे. रैली के लिए छपवाए गए पर्चे में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ बीजेपी के वरिष्ठ सांसद रमेश बैस का नाम भी लिखा गया था. बावजूद इसके बैस रैली में शामिल नहीं हुए थे. लेकिन रैली होने के ठीक एक दिन बाद जेल जाकर विनोद वर्मा से हुई उनकी मुलाकात पर समाज भी आश्चर्य जता रहा है.
इधर जेल जाकर विनोद वर्मा से मुलाकात करने की वजहों को जानने लल्लूराम डाॅट काम ने बीजेपी सांसद रमेश बैस से भी बात की. बैस ने मुलाकात को सिरे से नकारा. उन्होंने कहा कि- आरंग के बीजेपी कार्यकर्ता अश्विनी शर्मा ने हाल ही में एक मामले में सरेंडर किया है. मैं अश्विनी शर्मा से मिलने ही जेल गया था. जमानत को लेकर चर्चा की. मैंने जेल सुप्रीटेंडेंट और जेलर की मौजूदगी में यह मुलाकात की थी. बैस से यह पूछे पर कि जेल प्रशासन ने आपकी विनोद वर्मा से मुलाकात की पुष्टि की है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि- विनोद वर्मा को गलती से बुला लिया गया था. लेकिन उनसे किसी तरह की चर्चा नहीं हुई.
मैं सड़क छाप आदमी नहीं हूं कि किसी कार्यक्रम में मेरा नाम जोड़ दिया जाए- बैस
समाज की रैली में शामिल नहीं होने के सवाल पर रमेश बैस ने कहा कि- मुझसे बिना सलाह लिए कोई कुछ भी कार्यक्रम बना दें, ऐसा नहीं होता. विनोद वर्मा को समर्थन देने के पहले सभी लोगों से बात करनी चाहिए थी. मेरा नाम बेवजह घसीटा गया. मैंने मना किया था. मैं सड़क छाप आदमी नहीं हूं कि किसी भी कार्यक्रम में मेरा नाम जोड़ दिया जाए.
रमेश बैस के बयान पर छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी समाज के केंद्रीय मीडिया प्रभारी उधोराम वर्मा ने लल्लूराम डाॅट काम से कहा कि- समाज का जो कोई भी ख्यातिप्राप्त व्यक्ति हैं, यदि उस पर हमला हो, तो समाज यह महसूस करता है कि यह समाज को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है. समय-समय पर ऐसे लोगों के बचाव में समाज आवाज बुलंद करता आया है. रमेश बैस को भी जब बीजेपी कोरग्रुप से बाहर किया गया था, तब भी समाज की केंद्रीय टीम उनके पास गई थी, उनसे कहा था कि समाज साथ हैं, हम सहयोग करना चाहते हैं. हम सुख-दुख में साथ हैं. ठीक उसी तर्ज पर विनोद वर्मा के मुद्दे पर भी साथ खड़ा होने का निर्णय लिया गया था. समाज के केंद्रीय नेताओं ने इस संबंध में रमेश बैस से चर्चा की थी.