रायपुर- राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कोरोना पाॅजीटिव पाए जा रहे मरीजों को चार-चार दिन बीत जाने के बाद भी अस्पतालों तक नहीं ले जाया जा रहा है. सरकार के मंत्रियों की तरह आम लोगों के घरों में पांच-सात कमरे नहीं है कि लोग खुद को क्वारंटाइन कर लें. हालात ऐसे हैं कि लोग बेहद भयभीत हैं. सोनी ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि पीड़ित लोगों की सुध लें. 
 
सांसद ने कहा कि सरकार कहती हैं कि राज्य में 20 हजार मरीजों को रखने की तैयारी की गई है, लेकिन सरकार की बनाई गई व्यवस्थाओं में 1200 मरीज भी नजर नहीं आ रहे हैं. एम्स को हटा दें तो सरकार ने सात सौ मरीजों को भी नहीं रखा होगा. लोगों का सैम्पल लेने के बाद कई-कई दिनों तक रिपोर्ट नहीं दी जा रही है. सोनी ने कहा कि कोरोना के लक्षण दिखने वाले लोगों का सैम्पल लेना बंद कर दिया गया है. स्वास्थ्य महकमे ने हाथ उठा लिए हैं. उन्होंने कहा कि यदि प्राइवेट हाॅस्पीटल को अनुमति दी गई है, तो वहां टेस्ट की संख्या बढ़ाने की दिशा में सरकार को काम करना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड में आई राशि से करोड़ों रूपए राज्य सरकार को दिए हैं. उस पैसे से मरीजों के इलाज की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए. 
 
सुनील सोनी ने कहा कि आज हमारी मजबूरी है कि हम धरना-प्रदर्शन, आंदोलन नहीं कर सकते. सरकार इसका फायदा उठा रही है, लेकिन हालात नहीं सुधरे तो हम लाॅकडाउन तोड़कर बाहर आ सकते हैं. यह सरकार की जिम्मेदारी होगी. उन्होंने कहा कि सांसद बनने के बाद से आज तक कभी इतना दुखी नहीं हुआ, पर लोगों की तकलीफ देखकर मन बेहद दुखी है. राज्य में शराब दुकानों के संचालन पर भी सोनी सरकार पर हमलावर रहे. उन्होने कहा कि स्थिति कहती है कि तत्काल प्रभाव से शराब दुकानों को बंद कर दिया जाए. इससे कोरोना बढ़ते की संभावनाओं को कम किया जा सकेगा. 
 
राजस्थान के सियासी हालात पर बोले सांसद
 
राजस्थान में चल रही सियासी गर्माहट पर सुनील सोनी ने कहा कि जिन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में आई, वहां चुनी हुई सरकारें बेलगाम रही. मध्यप्रदेश की स्थिति यही थी, कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में आए. राजस्थान में भी ऐसी ही स्थिति है. इसमें बीजेपी का क्या दोष है. इस पार्टी का आचरण, व्यवहार दोगला है. कांग्रेस में आज कोई रहने को तैयार नहीं है. हालात यह हैं कि कोरोना खत्म होने के बाद पूरी कांग्रेस खाली हो जाएगी. 

 कांग्रेस ने सांसद सोनी से पूछा, कोरोना काल में उन्होंने क्या मदद की है?

भाजपा सांसद सुनील सोनी के बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की तरह सांसद सुनील सोनी भी बयानवीर है. रमन सिंह के तरह ही सुनील सोनी घर बैठे मीडिया में बने रहने कपोलकल्पित मनगढ़ंत झूठी कहानी गढ़कर बयानबाजी कर रहे है. सांसद सुनील सोनी महाभारत के संजय नहीं है जो घर बैठकर कोरोना महामारी रोकने की जा रही उपायों की समीक्षा करें. कोरोना महामारी संकट काल मे रायपुर की जनता सांसद सोनी को ढूंढ रही है. सांसद ने कोरोना महामारी संकट में रायपुर संसदीय क्षेत्र की जनता को किसी प्रकार से सहयोग नही किया. कोरोना महामारी रोकने की जा रही उपायों में सांसद सुनील सोनी का कोई योगदान नहीं है.

कोरोना महामारी संकटकाल से निपटने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने शुरू से ही चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था की है. रायपुर को मिलाकर पूरे प्रदेश में 21500 बेड़ों की व्यवस्था है. आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की संख्या पर्याप्त है.प्रदेश में 141कोरोना केयर सेंटर दिन रात काम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों की रिकवरी देशभर में टॉप टू में है. राज्य सभी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, जिला चिकित्सालय सहित निजी अस्पतालों को अधिग्रहित कर कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित रखा गया है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा है कि कोरोना महामारी काल मे रायपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता की उन्होंने क्या मदद की है? सांसद निधि से कितने गरीबो को राहत राशि दी है? प्रवासी मजदूरों के घर वापसी एवं घर वापसी के पश्चात उनके खाने पीने रहने दवाई के लिए सांसद निधि से सुनील सोनी ने कितनी मदद की है ? प्रदेश में कोरोना महामारी रोकने किये जा रहे उपायों में सांसद निधि से कितनी आर्थिक मदद की है ? दिव्यांगों, वृद्धजनों,कामकाजी महिलाओं छात्रों को सांसद ने क्या सहयोग किया है ?

धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल के रमन सरकार के दौरान वर्तमान सांसद सुनील सोनी भी 5 साल महापौर भी रहे. उस दौरान भी रायपुर की जनता को सुनील सोनी की निष्क्रियता का भारी नुकसान सहना पड़ा था. दुर्भाग्यजनक है भाजपा के 15 साल के शासनकाल में स्वयं डॉक्टर होने के बावजूद डॉ रमनसिंह ने स्वास्थ व्यवस्था पर कोई ध्यान नही दिया. रमन सिंह सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर स्थिति किसी से छुपी नहीं है.ऑंखफोड़वा कांड,गर्भाषय कांड,नसबंदी कांड,नकली दवाई, दवा खरीदी में घोटाला,मेडिकल उपकरण खरीदी घोटाला जैसे कांड रमनसिंह सरकार में होते रहे. कमीशनखोरीऔर भ्रष्टाचार के लिए हॉस्पिटल के नाम से मात्र बिल्डिंग बनाई गई. अस्पतालों में चिकित्सकों मेडिकल स्टाफ व मेडिकल संसाधनों की व्यवस्था पर कोई ध्यान नही दिया गया. आजाद भारत के पहले मुख्यमंत्री हैं डॉक्टर रमन सिंह जिनके शासनकाल में सरकारी अस्पताल को उनके ही दामाद ने ही गिरवी रख दिया था.