रायपुर। पीडीएस-नान घोटाले में हो रहे खुलासे के बाद चर्चा में बने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बचाव में पूरी भाजपा पार्टी उतर आई है. भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि देश में ख्याति प्राप्त इस योजना पर कांग्रेस का सवाल उठाना शर्मनाक है. सिर्फ़ दंतेवाड़ा के उप चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस का यह षड्यंत्र है. पदाधिकारियों ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि चुनाव में अपने उपलब्धि और योजनाओं को लेकर जाएं. कांग्रेस प्रपंच कर बीजेपी नेताओं को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पीडीएस के माध्यम से जिस तरह के ऐतिहासिक कार्य किये उस पर हमें को गर्व है.

भाजपा कार्यालय में शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के अलावा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री राजेश मूणत और सच्चिदानंद उपासने ने पीडीएस सहित अन्य प्रकरणों में डॉ. रमन सिंह का खुलकर बचाव किया. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि लोग पहले यहां से पलायन करते थे. रोजी-रोटी की व्यवस्था नहीं थी. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस समस्या के निराकरण के बारे में सोचा. ऐसा पीडीएस सिस्टम शुरू किया, जिससे लोगों का पलायन रोकने में सफलता पाई. यह योजना प्रदेश में नहीं, बल्कि देश में सराहा गया. केंद्र ने इसको स्वीकार किया पूरे देश में चावल का वितरण हुआ, फिर मुख्यमंत्री रमन सिंह को चाऊर वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध मिली.

कौशिक ने कहा भाजपा नेताओं ने नान घोटाले पर संज्ञान लेकर डॉ. रमन सिंह ने अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. आज एक ऐसे आदतन अपराधी से हलफनामा दिलाकर उसके आधार पर राजनीति करना कांग्रेस का चरित्र ही दिखा रहा है. राशन कार्ड में अनियमितता की जानकारी होने पर भाजपा सरकार ने अवैध राशन कार्ड निरस्त किए थे. तब कांग्रेस ने ही इस निरस्तीकरण का ज्यादा विरोध किया था, और आज ज्यादा राशन कार्ड होने की बात पर राजनीति कर रही है. अभी इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय और जिला न्यायालय में चल रही है. ऐसे समय में मुख्य अभियुक्त से बयान दिलाने का सीधा अर्थ यही है कि निहित स्वार्थी तत्व इस मामले में न्यायायिक प्रक्रिया को प्रभावित करना चाहते हैं. इसी तरह का मंतूराम प्रकरण है. दोनों में मुख्य अभियुक्त का ही इस्तेमाल भाजपा के खिलाफ किया जा रहा है.

इन तमाम हलफनामों का कोई भी विधिक औचित्य नहीं है, बस केवल अपनी नाकामी ढंकने और भाजपा को बदनाम करने ऐसे-ऐसे कृत्य किये जा रहे हैं. हालांकि, मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण केस के मेरिट पर कुछ टिप्पणी करना ठीक नहीं है. अगर सच में कांग्रेस हाल के इन दोनों हलफनामे पर भरोसा करती है तो भाजपा फिर यह चुनौती देती है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं शपथपत्र देकर इन हलफनामों को प्रमाणित करें, फिर उसे न्यायालय में प्रस्तुत करें. एक बड़े जनादेश के साथ सत्ता में आयी कांग्रेस सरकार अपने ही उम्मीदों और भ्रष्टाचारों के बोझ से ढहती जा रही है. नौ माह में ही हर मोर्चे पर विफल रहने की बौखलाहट में ऐसे-ऐसे कृत्य इस सरकार द्वारा किये जा रहे हैं, जिससे लोकतंत्र शर्मिन्दा हो रहा है. केवल चुनावी लाभ के लिए सारा विकास कार्यों को छोड़ ऐसे हथकंडे अपनाने वाली कांग्रेस अपने चरित्र के अनुसार ही कार्य कर रही है. इसकी जितनी निंदा की जाए कम है.