समाजवादी पार्टी की सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) की पत्नी डिंपल (Dimple Yadav)के पहनावे पर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले मौलाना साजिद रशीदी की स्थिति गंभीर होती जा रही है. सपा नेता प्रवेश यादव की शिकायत पर लखनऊ के विभूतिखंड थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अब उनकी गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई की मांग की जा रही है. बीजेपी सांसदों ने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ एक टीवी शो में की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया. यह मामला अब लखनऊ की सड़कों तक फैल गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि डिंपल यादव के सम्मान की रक्षा के लिए बीजेपी संसद से लेकर सड़क तक सक्रिय है.
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मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 79, 196, 197, 352, 353 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मौलाना साजिद रशीदी ने डिंपल यादव के प्रति अभद्र टिप्पणी की थी.
क्या कहा था मौलाना साजिद रशीदी ने?
यह मामला तब उजागर हुआ जब मौलाना साजिश रशीदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगा. इस वीडियो में उन्होंने सपा सांसद डिंपल यादव के पहनावे पर टिप्पणी की थी. दरअसल, डिंपल यादव ने हाल ही में एक मस्जिद का दौरा किया था, जिसके दौरान की कुछ तस्वीरें और वीडियो ऑनलाइन साझा किए गए थे. इसी दौरे के संदर्भ में मौलाना रशीदी ने उनके पहनावे पर अपनी राय व्यक्त की.उन्होंने कहा कि वह एक फोटो दिखाने जा रहे हैं, जिसे देखकर लोग शर्मिंदा होंगे. उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन सभी को पता है कि जिन महिला के साथ थीं, वह अपने मुस्लिम पहनावे में थीं और उनका सिर ढका हुआ था. दूसरी महिला डिंपल यादव थीं, जिनका फोटो दिखाते हुए उन्होंने कहा कि वह नंगी बैठी हैं.
भाजपा क्यों कर रही डिंपल यादव का समर्थन?
भाजपा ने मौलाना की विवादास्पद टिप्पणी पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. सोमवार को संसद परिसर में एनडीए के सांसदों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया और इस बयान के प्रति अपना विरोध व्यक्त किया. सांसदों का सवाल है कि अखिलेश यादव मौलाना की टिप्पणी पर चुप क्यों हैं?
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने सवाल उठाया है कि विपक्ष इस मुद्दे पर चुप क्यों है? उन्होंने यह भी पूछा कि डिंपल यादव की अपनी पार्टी मौन क्यों है और उनके पति ने इस बयान के खिलाफ अब तक कुछ क्यों नहीं कहा? क्या तुष्टिकरण की राजनीति एक महिला सांसद की गरिमा से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है?
भाजपा की सांसद धर्मशीला गुप्ता ने कहा कि यह केवल डिंपल यादव का अपमान नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की महिलाओं का अपमान है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेताओं की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त किया, यह कहते हुए कि अगर वे अपनी पार्टी के नेता की पत्नी के अपमान पर कुछ नहीं कह रहे हैं, तो उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए. गुप्ता ने यह भी कहा कि मौलाना को सभी महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए.
भाजपा डिंपल यादव के समर्थन में बयान दे रही है, जबकि डिंपल यादव ने सवाल उठाया है कि भाजपा ने मणिपुर में महिला के वायरल वीडियो के समय चुप्पी क्यों साधी थी. उन्होंने यह भी कहा कि जो घटनाएं हो रही हैं, वे सकारात्मक हैं और यह एक अच्छी बात है कि एफआईआर दर्ज की गई है.
मौलाना साजिद रशीदी पर अखिलेश ने क्या कहा?
भाजपा के MLC सुभाष यदुवंशी यादव बिरादरी से संबंधित हैं और लंबे समय से पार्टी संगठन में सक्रिय हैं. उनके नाम और पद का उल्लेख पोस्टर पर किया गया है. डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी के विवादास्पद टिप्पणी पर भाजपा की सांसद इकरा हसन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इस पर अखिलेश यादव ने केवल इतना कहा कि संसद में पहने जाने वाले कपड़े ही वहां भी पहनेंगे. भाजपा का आरोप है कि समाजवादी पार्टी मुस्लिम वोट बैंक के लिए साजिद रशीदी के प्रति नरम रुख अपनाए हुए है.
कौन हैं मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी
मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ‘ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जो देशभर के इमामों और धार्मिक नेताओं का प्रतिनिधित्व करता है. उन्होंने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा को वोट देने की घोषणा की, जिसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय में भाजपा के प्रति व्याप्त भय को समाप्त करना था. रशीदी अपने धार्मिक और सामाजिक बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं, और उनके कई बयानों पर विवाद भी उठ चुका है. हाल ही में, उन्होंने डिंपल यादव के बारे में ऐसा कुछ कहा है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है.
नदवी को इमाम पद से हटाने की मांग
आल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को एक पत्र भेजकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद मुहिबउल्ला नदवी को संसद मार्ग स्थित मस्जिद के इमाम पद से हटाने की मांग की है. रजवी ने पत्र में उल्लेख किया कि मस्जिद के भीतर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य व्यक्तियों की बैठक आयोजित करके मस्जिद की पवित्रता का उल्लंघन किया गया है, जिससे मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है. उन्होंने स्पष्ट किया कि मस्जिद में केवल इबादत का कार्य होना चाहिए, अन्य किसी गतिविधि की अनुमति नहीं होनी चाहिए.
धार्मिक स्थल का सियासत के लिए इस्तेमाल
दिल्ली की मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में इमाम और रामपुर से सपा सांसद मुहिबउल्ला नदवी ने हाल ही में मस्जिद के भीतर हुई एक बैठक की जानकारी दी है. इस बैठक में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव, डिंपल यादव, जियाउर्रहमान बर्क और अन्य पार्टी नेता शामिल हुए. रजवी ने स्पष्ट किया कि मस्जिद में केवल वही लोग प्रवेश कर सकते हैं जो पाक हैं, जबकि नापाक और नजिस व्यक्तियों का वहां आना मना है.
उन्होंने बताया कि मस्जिद के भीतर महिलाओं का प्रवेश निषिद्ध है, फिर भी डिंपल यादव सहित दो महिलाओं ने वहां आयोजित बैठक में भाग लिया. इस धार्मिक स्थल का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया गया. इस बैठक के माध्यम से एक राजनीतिक संदेश दिया गया कि समाजवादी पार्टी मुसलमानों की समर्थक है.
सूफी विचारधारा वाला व्यक्ति इमाम बने
रजवी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि संसद मार्ग पर स्थित मस्जिद लोकसभा के नियंत्रण में है और यह दिल्ली सरकार के अधीन आती है. उन्होंने मांग की कि मुहिबउल्ला नदवी को इमाम के पद से हटाया जाए और उनकी जगह किसी सूफी विचारधारा वाले व्यक्ति को नियुक्त किया जाए, जो राजनीति से दूर हो. यह ध्यान देने योग्य है कि संसद मार्ग की मस्जिद दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधीन है, जिसे दिल्ली सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त होती है. इस मस्जिद में इमाम और मुअज्जिन की नियुक्ति राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा की जाती है.
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