रायपुर। राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव के बहाने सरकार पर भाजपा हमलावर हो गई है. बृजमोहन अग्रवाल ने सवाल किया कि क्या आदिवासी महोत्सव से किसानों के घर पैसा होगा. इसके साथ ही उन्होंने एक दिसंबर से धान खरीदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके पीछे सरकार की मंशा कम से कम धान ख़रीदने की है. इसके साथ ही पार्टी ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप एक नवंबर से धान खरीदी के लिए सरकार को निर्देशित करने की मांग की है.
वरिष्ठ भाजपा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता में आदिवासी नृत्य महोत्सव पर सवाल खड़े करते हुए कहा ये सरकार सिर्फ़ उत्सव धर्मी सरकार है. नेताओं के परिवार की इवेंट कंपनियों को फ़ायदा पहुंचाने उत्सव किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी महोत्सव पर इवेंट कंपनी के पीछे जितना पैसा खर्च कर रही है, ये पैसा किसानों को देना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को दिवाली मनानी है, बच्चों की पढ़ाई का खर्च देना है, बच्चों की शादी करनी है. इसलिए पैसों के लिए किसान बाज़ार में कम दर पर धान बेचने को मजबूर है. इससे किसान कर्जदार हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि बीजेपी माँग करती है कि 1 नवम्बर से धान ख़रीदी शुरू की जानी चाहिए. प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान ख़रीदना चाहिए. सरकार अभी 15 एकड़ प्रति क्विंटल धान ख़रीद रही है, जबकि घोषणा पत्र में एक-एक दाना धान ख़रीदी का वादा कांग्रेस ने किया था. उन्होंने ने कहा कि केंद्र ने अब तक 390 रुपए समर्थन मूल्य बढ़ाया है. इस नाते राज्य सरकार को 2800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से ख़रीदी करनी चाहिए.
पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार में आने के बाद किसानों को साढ़े सात सौ रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त मिलना था. जिस दिन सरकार ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल की घोषणा की थी. तब समर्थन मूल्य के तहत किसानों से क़रीब 1600 रुपए में ख़रीदी की जा रही थी. तब से अब तक समर्थन मूल्य की राशि क़रीब 2 हज़ार रुपए तक बढ़ी है. बीजेपी के वक़्त का दो साल का बोनस देने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि कर्जमाफी की बात सरकार करती है, लेकिन सिर्फ शॉर्ट टर्म लोन ही माफ़ किया गया. लाँग टर्म लोन माफ नहीं किया गया. छत्तीसगढ़ में 75 फ़ीसदी किसान सीमांत किसान हैं, जिनके पास काटी गई फसल को रखने की भी जगह नहीं होती. इसके साथ ही उन्होंने राजीव न्याय योजना के तहत किसानों को दी जा रही राशि चार किस्तों की बजाय एक किस्त में दिए जाने की मांग की.
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
भारतीय जनता पार्टी ने एक दिसंबर से धान खरीदी पर सरकार पर निशाना साधने के साथ राज्यपाल अनुसुईया उइके को पत्र लिखकर सरकार को हर हाल में एक नवंबर से धान खरीदने के लिए निर्देशित करने की मांग की है. इसके अलावा धान की पूरी कीमत का एकमुश्त बुगतान करने और पिछला बकाया का तुरंत भुगतान करने, केंद्र द्वारा एमएसपी में की गई बढ़ोतरी का लाभ किसानों को देने, गिरदावरी के बहाने रकबा कटौती में पूरी तरह से रोक लगाने, कांग्रेस की घोषणा अनुरूप धान का एक-एक दाना खरीदने और किसानों को दो वर्ष का बोनस दिए जाने के लिए निर्देशित करने की मांग की है.