रायपुर। प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के नाम से किसानों को अपनी घोषणा के अनुरूप धान के समर्थन मूल्य की राशि किस्तों में देनी शुरू की है. इस पर भाजपा के नेताओं ने सवाल उठाए हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इनका चुनाव घोषणा पत्र ही पर्याप्त था. जनता से इन्होंने 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदने का वादा किया था. इसे पूरा करने के लिए जिस तरह से किसान न्याय योजना का नाम दिया है, राजीव गांधी की शहादत पर बड़ा शो कर रहे हैं, इनकी घोषणा के नाम पर मिल जाना चाहिए था, उसे भी टुकड़ो में दे रहे हैं.

उन्होंने सवाल किया कि एक चौथाई अभी दे रहे है, फिर एक चौथाई बाद में देंगे, फिर दो और किस्तों देंगे. किसानों को पूरी राशि कब मिलेगी? किसानों को अभी जरूरत है. बीज खाद लेना है. किसानी करनी है. अच्छा होता कि उन्हें एकमुश्त पैसा दे दिया जाता. टुकड़ों में राशि देने से किसान उसका पूरा उपयोग नहीं कर पायेगा. किसानों को उसका कोई फायदा नहीं मिलेगा.

डॉ. सिंह ने कहा कि बीजेपी को इस योजना से तकलीफ नहीं है. बीजेपी को तकलीफ इस बात को लेकर है कि सार्वजनिक रूप से नेताओं ने कसम खाकर कहा था कि किसानों को पूरी राशि दी जाएगी. कृषि मंत्री ने बयान दिया था कि अप्रैल तक राशि किसानों को दे दी जाएगी. अब उसमें से 25 फीसदी ही राशि देकर बड़ा शो कर रहे है. बीजेपी की एक ही मांग है कि किसानों को एक किस्त में राशि दी जाए.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 1 लाख 76 हजार करोड़ का पैकेज किसानों को दिया है. गंगाजल लेकर कांग्रेसी नेताओं ने कसम खाई थी. योजना का स्वरूप बदलने से किसान नुकसान में रहेगा. न्याय योजना के लिए टोटल राशि 5 हजार 700 करोड़ है. 25 फीसदी की राशि 15 सौ करोड़ दे रहे हैं. किसानो को अब जब सबसे ज्यादा राशि की जरूरत है तो उसके हिस्से केवल एक चौथाई ही आ रहा है.

ये राजीव गांधी का अपमान है- बृजमोहन अग्रवाल

इसके साथ पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राजीव गांधी का ये अपमान है. राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के समय घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा था कि 2500 रुपए धान खरीदी में दी जाएगी. छह महीने बाद भी किसानों को अंतर की राशि नहीं दी गई और अब कहा जा रहा है कि किस्तों में दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के नाम पर ये योजना महज छलावा है. ये किसानों के साथ न्याय नहीं अन्याय है. किसानों को इससे फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान होगा. अंतर की राशि देने में हुई देरी की वजह से किसानों को ब्याज भी दिया जाना चाहिए.

किसानों के साथ वादाखिलाफी की- सुनील सोनी

प्रदेश उपाध्यक्ष व संसद सदस्य सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी कर अपने नाकारेपन का ही परिचय दिया है. प्रदेश सरकार बताए कि जब कोरोना संकट से पहले ही प्रदेश सरकार ने अपने बजट में धान मूल्य की राशि के लिए प्रावधान कर दिया था तो फिर ऐसी कौन-सी विपरीत परिस्थिति आ गई कि सरकार धान मूल्य की अंतर राशि का किश्तों में भुगतान कर रही है? जबकि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में भी किसानों को एक पैसे की भी कोई मदद अपनी ओर से मुहैया नहीं कराई.सोनी ने कहा कि एक तरफ कोरोना संकट के चलते हर वर्ग के लोग आर्थिक दिक्कतों से दो-चार हो रहे हैं, तब प्रदेश सरकार का अंतर राशि के किश्तों में भुगतान को लेकर लिया गया फैसला किसानों के साथ आपराधिक अन्याय है. संसद सदस्य चुन्नीलाल साहू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शुरू से ही अपने किसान विरोधी चरित्र का प्रमाण दिया है. धान खरीदी की शुरुआत से ही प्रदेश सरकार किसानों से एक तरह की दुश्मनी भंजाती नजर आई है. पहले खरीदी को एक माह टाल दिया, फिर धान का रकबा घटा दिया, टोकन देने के लिए नित-नए तुगलकी फरमान जारी कर किसानों को परेशान किया, बारदाना तक देने में आनाकानी की, फिर धान भंडारण को लेकर किसानों पर छापेमारी कर किसानों को अपराधी साबित करने का शर्मनाक कृत्य किया. कुल मिलाकर, सरकार ने किसानों के आत्म-सम्मान को लहूलुहान करने का काम किया. साहू ने कहा कि आज भी किसान अपना धान बेचने के लिए परेशान हो रहा है और सरकार उसके हक के पैसे देने में जी चुरा रही है. धान मूल्य की अंतर राशि किसानों के गाढ़े पसीने और जायज हक की कमाई है जिसे देकर हुए प्रदेश सरकार किसानों पर कोई अहसान नहीं कर रही है.

सरोज बोलीं- शराबबंदी कर न्याय करे भूपेश सरकार

इधर राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने भी भूपेश सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के न्याय योजना पर किए गए ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि योजना का नाम न्याय है, मगर छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ जो अन्याय हो रहा है, वह अकल्पनीय है. उन्होंने ट्वीट के जरिए प्रियंका गांधी को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से कहिए कि अब न्याय कर दें. शराबबंदी पर जो घोषणा चुनाव के पहले की थी उसका पालन करें.