नई दिल्ली। राफेल डील मामले में कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने 2007 से 2012 के बीच यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस पर कमीशन लेने का आरोप लगाया है. फ्रांस की मीडिया (मीडियापार्ट) द्वारा किए गए खुलासे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी जवाब दें कि राफेल को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश उन्होंने और उनकी पार्टी ने इतने वर्षों तक क्यों किया ?

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संबित पात्रा ने यूपीए सरकार के दौरान दलाली के लिए एग्रीमेंट ऑफ कमीशन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दलाली की रकम 40 प्रतिशत तय की गई थी. फ्रांस की मीडिया द्वारा किए गए खुलासे का हवाला देते हुए संबित पात्रा ने कहा कि 2007-2012 के दौरान राफेल को लेकर एक बड़ी साजिश रची गई थी. इन 5 सालों के दौरान भारतीय रुपयों में 36 राफेल के डील के लिए 65 करोड़ रुपये का कमीशन दिया गया. कांग्रेस को बताना चाहिए कि यह पैसा कहां गया, किसने लिया ?

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भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस डील में एक बिचौलिए का नाम लेते हुए यह भी कहा कि इसी मिडिलमैन का नाम अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में भी सामने आया था. संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ लेने के लिए ही राहुल गांधी ने यह मामला उठाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को इस पूरे मामले में क्लीन चिट दे दी. कैग ने भी इसे बेहतर डील बताया और 2019 लोक सभा चुनाव में क्या हुआ, ये सबने देखा है.

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कांग्रेस पर हमेशा से हर डील में कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए संबित पात्रा ने कहा कि आईएनसी का मतलब इंडियन नेशनल कांग्रेस नहीं आई नीड कमीशन है और भ्रष्टाचार का पता 10 जनपथ है. संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि इंडियन एयरफोर्स को एयरक्राफ्ट की जरूरत थी, लेकिन 10 वर्षों तक यूपीए सरकार ने इसे लटकाया रखा. अब सच सामने आया कि 10 साल तक बातचीत एयरक्राफ्ट के लिए नहीं बल्कि कमीशनखोरी को लेकर होती रही.