रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी विधायक दल ने राज्यपाल अनुसुइया उइके और स्पीकर डाक्टर चरणदास महंत से मुलाकात कर अपनी गहरी आपत्ति दर्ज की है. बीजेपी विधायक दल की दलील है कि 126 वें संविधान संशोधन का अनुसमर्थन करने बुलाए जा रहे सत्र में ही राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी, जबकि मान्य परंपराओं के मुताबिक विपक्ष के सदस्य कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर अपना संशोधन देते हैं. यह कभी नहीं हुआ कि जिस दिन अभिभाषण हुआ हो, उस दिन ही उस पर चर्चा कराई गई हो. इसकी अपनी प्रक्रिया है. बीजेपी विधायक दल ने सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के नेतृत्व में बीजेपी विधायक दल ने राज्यपाल और स्पीकर से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री और कुरूद से बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने मीडिया से कहा कि एक दिवसीय विशेष सत्र को लेकर विधायकों को दी गई दिनदर्शिका में यह कहा गया है कि राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विशेष सत्र की शुरूआत होगी, सत्र की बैठक के दिन ही उस पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव प्रस्तुत होगा और इस दिन ही चर्चा के बाद पारित किया जाएगा. जबकि यह विशेष सत्र 126 वें संविधान संशोधन का अनुसमर्थन किए जाने को लेकर बुलाया जा रहा है. अजय चंद्राकर ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष के सदस्य संशोधन देते हैं. इन संशोधनों का सचिवालय परीक्षण करता है और फिर बुकलेट छपवाकर सदस्यों को दिया जाता है, जिस पर चर्चा के लिए कार्य मंत्रणा समिति अलग से वक्त तय करती है. उन्होंने कहा कि किसी भी विधानसभा में एक ही दिन संविधान संशोधन और कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर एक साथ चर्चा नहीं हुई है.

अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा को देशभर में उच्च परंपराओं के लिए पहचाना जाता है. आखिर क्यों सरकार को जल्दबाजी है? संविधान के 126 वें संशोधन पर आगामी बजट सत्र में भी अनुसमर्थन दिया जा सकता था. उन्होंने कहा कि अपुष्ट सूत्र यह भी बताते हैं कि सरकार दो सत्रों में राज्यपाल का अभिभाषण कराने जा रही है. विशेष सत्र में संक्षिप्त और आगामी बजट सत्र में विस्तृत अभिभाषण होगा, जबकि देश की किसी भी विधानसभा में ऐसी स्थिति आज तक नहीं देखी गई.
पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार को हम संवैधानिक संस्था का मजाक उड़ाने नहीं देंगे. उन्होंने कहा- नियम परंपराओं से यह सरकार वाकिफ नहीं है. इस सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है. इसलिए राज्यपाल के अभिभाषण जैसे विषयों पर चर्चा से भी बचना चाहती है.

राज्यपाल और स्पीकर से हुई इस मुलाकात के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, शिवरतन शर्मा, नारायण चंदेल, ननकीराम कंवर, पुन्नूलाल मोहिले, रंजना साहू, डमरूधर पुराजी, रजनीश सिंह मौजूद थे. इस दौरान संगठन की ओर से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पांडेय और मोतीलाल साहू की भी मौजूदगी रही.