कुंदन कुमार/पटना। शहर में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। अपने संबोधन में खट्टर ने इमरजेंसी के काले दिनों को याद करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि आपातकाल उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने उन्हें राजनीतिक रूप से इस शिखर तक पहुंचाया।
खट्टर ने कहा हम लोग आपातकाल के भुक्तभोगी हैं। उस दौर ने ही हमें सिखाया कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कैसे करनी है। उस समय की सरकार ने संविधान और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाईं, और आज वही लोग संविधान बचाने की बातें करते हैं। असल खतरा इन्हीं से है।
देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया
उन्होंने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल ने देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया था। हजारों लोगों को जेल में डाला गया, अभिव्यक्ति की आजादी छीनी गई, और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कुचला गया। आने वाली पीढ़ियों को यह जानना जरूरी है कि उस वक्त क्या हुआ था और किसने देश को उस अंधेरे दौर में धकेला।
मानते हैं लोकतंत्र का ठेकेदार
खट्टर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी को 99 सीटें मिलीं और वे इसी में खुश हैं, तो उन्हें खुश रहने दिया जाए। देश की जनता ने उन्हें नकार दिया है, फिर भी वे खुद को लोकतंत्र का ठेकेदार मानते हैं।
बिहार चुनाव पर क्या बोले खट्टर
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी खट्टर ने कहा कि बीजेपी अपने संगठन और विचारधारा के बल पर चुनावी मैदान में उतरेगी और जनता को इमरजेंसी जैसे विषयों से जोड़कर सही इतिहास से अवगत कराएगी। कार्यक्रम में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता उपस्थित थे। वक्ताओं ने इमरजेंसी को भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बताते हुए कहा कि 1975 से 1977 तक का दौर कभी नहीं भुलाया जा सकता।
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