रायपुर- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु देव साय ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने पूछा है कि कांग्रेस स्पष्ट करे कि वह किसके साथ खड़ी है? पूरा देश लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के साथ हुई लड़ाई में जवानों की शहादत पर पर दुःखी है। ऐसे मौके पर पूरा देश भारतीय सेना के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ऐसे वक्त में भी देश और सेना को बदनाम करने का एक मौका नहीं छोड़ रही है, यह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता ऐसे कठिन समय में भी अपने प्रोपेगेंडे से बाज़ नहीं आ रहे है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी भारत विरोधी ट्वीट कर पीएम मोदी को निशाना बनाने का एक मौका नहीं छोड़ते, वहीं कांग्रेस के नेता भी ऐसे बयान जारी कर देश की सुरक्षा को ताक पर रखते हुए अपने राजनीतिक फायदे के लिए अस्वीकार्य हरकत करते रहते हैं, यह कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस तरह के बयानों और कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं के ट्वीट से यह समझा जा सकता है कि कैसे एक बार फिर से कांग्रेस देश हित को ऊपर रखने में नाकाम और विफल रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति करना, कांग्रेस शायद ऐसे संवेदनशील विषय को भी कांग्रेस बनाम भाजपा समझकर स्तरहीन बयानबाजी करने पर आमादा है। यह देश हित में बिल्कुल भी नहीं है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठाने और राजनीति करने वाले ये वही लोग हैं जिन्होंने बालाकोट एयरस्ट्राइक और 2016 के उरी हमले के बाद की गई सर्जिकल स्ट्राइक के भी सबूत मांगे थे। क्या इन्हें देश की सेना पर भरोसा नहीं है? कांग्रेस के नेताओं को इतनी तो समझ होनी चाहिए की चीन से जुड़े मामले में ट्विटर से या बयान से सवाल नहीं पूछते हैं। साय ने कहा कि आज ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दो टूक चेता दिया है कि ‘कोई भ्रम न पाले, भारत हर हाल में सक्षम है। भारत अपनी अखंडता से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार, राष्ट्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेगी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस से सवाल किया है कि आजादी के बाद किन परिस्थितियों में चीन ने अक्साई चिन हड़प लिया मोहन मरकाम और राहुल गांधी जी को देश को बताना चाहिए। क्यों और किन परिस्थितियों में नेहरू के कारण 1.25 लाख वर्ग किलोमीटर भूमि पाकिस्तान और चीन के हाथों जाने दी गयी इस बात का भी जवाब राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीति करने वालों को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कहा कि आश्चर्य होता है कि सत्तर वर्ष बीत गए लेकिन कभी नेहरू वंशीय कांग्रेस जो आज इस संवेदनशील विषय पर राजनीति कर रही है, उनसे कभी कठघरे में खड़ा कर यह नहीं पूछ गया कि स्वतंत्र भारत की सवा लाख वर्ग किमी जमीन जो चीन और पाकिस्तान के हाथों गंवा दी उसके बारे में कांग्रेस पार्टी ने कितने प्रस्ताव पारित किए। कितने चुनाव घोषणा पत्रों में उस भूमि को वापस लेने का संकल्प व्यक्त किया गया और जब कांग्रेस नेता चीन यात्रा पर गए तो क्या उन्होंने चीनी नेताओं से वार्ता के समय उस भूमि के बारे में चर्चा की। अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सीमा विवाद चर्चा के माध्यम से हल करने का आयोग बनाया गया। उन्होंने कहा कि नेहरू की चीन के साथ मायावी मित्रता का भी भारत को बहुत खामियाजा उठाना पड़ा। 1948 में भारत को सुरक्षा परिषद की सदस्यता मिल रही थी, किन परिस्तिथियों और कौनसी मजबूरी के चलते सुरक्षा परिषद की सदस्यता जाने दी गयी और चीन को सदस्यता दिलवाई गयी देश को बताए कांग्रेस। कश्मीर समस्या का जन्म, धारा 370 लगाना, जम्मू कश्मीर को दूसरे ध्वज की अनुमति देना क्या कांग्रेस की देन नहीं थी? विष्णु देव साय ने राहुल गांधी पर भी चीन को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के भी चीन से क्या संबंध हैं, यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मरकाम बताएं कि जब भारत और चीन के बीच डोकलाम में विवाद चल रहा था, तब तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आधी रात को अंधेरे में तत्कालीन चीनी राजदूत से क्यों मुलाकात की थी? कांग्रेस ने इस बारे मे जानकारी छुपाने की कोशिश भी की थी। आखिर राहुल गांधी चीनी राजदूत से अपनी मुलाकात की बात छिपा क्यों रहे थे?

साय ने कहा कि चीन के सैनिकों के भारतीय सीमा में दाखिल होने और जवानों की शाहदत पर प्रधानमंत्री से सवाल करना निहायत ही अनुचित और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है। क्या राहुल गांधी को देश की सेना पर भरोसा नहीं है? उन्होंने कहा की देश की जनता देख रही है आजादी से लेकर आज तक किस दल और किन किन नेताओं की क्या भूमिका रही है शायद इसी लिए देश की जनता ने सेना पर सवाल उठाने वाले एवं दुष्प्रचार करने वाले दलों को विपक्ष के लायक भी नहीं समझा है। साय ने कहा कि मोहन मरकाम जिस इलाके से आते हैं, वहां के माटी पुत्र ने भी शहादत देकर आज देश के सीमाओं की रक्षा की है। ऐसे समय देश के साथ खड़ा होने के बदले सस्ती और हल्की राजनीति करने वालों को देश कभी माफ़ नहीं करेगा। साय ने कांग्रेस से अपने आचरण पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए देश के साथ खड़ा होने की अपील की है।