रायपुर. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ दौरा निरर्थक सियासी कवायद और तथ्य-सत्य से आँखें मूंदकर अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता का प्रदर्शन भर था. साय ने कहा कि तमाम शिगूफ़ों में करारी मात खाने के बाद राहुल गांधी ने एक नया शिगूफा गढ़ा है- अमीर भारत और गरीब भारत; और स्थिति यह है कि मंच पर बैठे कांग्रेस के नेताओं को ही उनकी बात का कोई सिरा पकड़ नहीं आ रहा था. साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान-मजदूर और गरीबों से किए गए वादों से मुकरने वाली प्रदेश सरकार की कारस्तानियों को अनदेखा करके राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़वासियों को निराश ही किया.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बहुत-से लोकलुभावन वादे किए थे, और सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की सरकार ने वादाख़िलाफी, झूठ-फरेब, छल-कपट करके राजनीतिक पाखंड की सारी हदें ही पार कर दीं. इतना ही नहीं, खुद राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ की किसानों से ज़गह-जगह फूड प्रोसेसिंग युनिट स्थापित करने और उसमें किसानों के बेटों को रोजगार देने का वादा किया था, सरकार द्वारा धान खरीदी में 15 क्विंटल प्रति एकड़ की लिमिट खत्म करने की बात कही थी, अपने उन वादों पर कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने अब तक अमल क्यों नहीं किया, यह सवाल पूछने का साहस तक राहुल गांधी नहीं दिखा पाए. साय ने कहा कि धान खरीदने बघेल की डींगों पर राहुल ने यह सच जानने की कोशिश तक नहीं की कि उक्त राशि किसानों को एक मुश्त क्यों नहीं दी जा रही है? जिस ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना ढिंढोरा पीटा जा रहा है, उस योजनाा में 10 लाख लोगों के बजाय अब वह संख्या 3.35 लाख पर ही क्यों सिमट गई?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि भाजपा पर नफरत की राजनीति करने का मिथ्या आरोप लगाकर राहुल गांधी कांग्रेस के वैमनस्यपूर्ण, भेदभाावपूर्ण, असहिष्णु और अलोकतांत्रिक राजनीतिक चरित्र पर पर्दा डालने के लाख जतन कर लें, लेकिन देश कांग्रेस की असलियत से पूरी तरह वाकिफ है. भाजपा ने तो शुरू से ही ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ को अपनी कार्यशैली का मूलमंत्र बनाया है. इसलिए राहुल गांधी अपने नजरिए को बदलें और देश में नफरत और झूठ की राजनीति करके भ्रम फैलाने की ओछी राजनीतिक हरकतों से बाज आएं. साय ने कहा कि देश में धर्म, भाषा, क्षेत्र, जाति के बीच नफरत फैलाकर अपने राजनीतिक स्वार्थ साधने वाले कांग्रेस के लोग कांग्रेस के राजनीतिक चरित्र के तराजू पर भाजपा को तौलने की कोशिश न करें. साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को पहली बार साम्प्रदाायिकता की आग में झोंकने वाली भूपेश-सरकार से बजाय जवाब-तलब करने के राहुल गांधी ने इस पूरे मुद्दे पर मौन साधे रखा! क्या इसे प्रदेश में साम्प्रदायिक विद्वेष और धर्मांतरण के प्रदेश सरकार के छिपे एजेंडे पर कांग्रेस हाईकमान की मौन स्वीकृति माना जाए? साय ने कहा कि भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाने वाले राहुल गांधी की राजनीतिक परिपक्वता अगले ही दिन संदेह के घेरे में आ गई जब अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दो टूक यह कहा कि चीन-पाकिस्तान की नज़दीक़ी वाले राहुल गांधी के बयान से अमेरिका इत्तेफ़ाक़ नहीं रखता.