सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. आरक्षण में हुए नुकसान को लेकर बीजेपी हमलावर है. साथ ही अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. प्रदेश के तीन संभाग बस्तर, सरगुजा एवं दुर्ग में चक्काजाम करने की बात कही गई है. इतना ही नहीं 13 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक आदिवासी विधायकों के बंगले का घेराव किया जाएगा.

नंद कुमार साय ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के हाई कोर्ट में जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण का 32 प्रतिशत था, उसका भारी नुकसान जनजाति को होना शुरू हो गया है. जिला केडर आरक्षण था, उसको बैन कर दिया गया. प्रदेश की सरकार ने जानबूझकर के आरक्षण की सुनवाई में कोताही बरती है.

आगे उन्होंने कहा, 12% आरक्षण नीचे आ गया है. क्या प्रदेश सरकार जनजाति विरोधी है, अन्यथा इतने लंबे समय तक कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. क्या स्थिति है, इसको सरकार को देखना चाहिए था. लेकिन किसी के द्वारा जाने दिया गया. जिसका जनजाति वर्ग को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

जनजाति मोर्चा ने फैसला लिया है कि तीन संभाग में 8 तारीख को 2 घंटे तक हाइवे पर चक्काजाम किया जाएगा. गाड़ी चलने नहीं दी जाएगी. इस सरकार को समझना चाहिए, गलती हुई है या नहीं देने के कारण हाईकोर्ट ने इस 12% कम कर दिया है.

सर्वाधिक जनजाति विधायक कांग्रेस में हैं. फिर भी कुछ नहीं बोल रहे हैं. विधायक को बताना चाहिए कि, जनजाति के साथ है या सरकार के साथ.

पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, आरक्षण के मामले में कोर्ट का बयान आया है, उस पर निचले स्तर पर देखने को मिल रहा है. जिला केडर पर जो स्थानीय भर्ती होती थी. लगातार आदिवासियों पर अत्याचार किया गया आदिवासी समाज आंदोलनरत है.

अनुसूचित जनजाति मोर्चा के माध्यम से तीन संभाग में चक्काजाम करके राज्य सरकार को जगाने का काम किया जाएगा. बस्तर सरगुजाऔर दुर्ग संभाग में चक्काजाम किया जाएगा. 9 अक्टूबर से समाज के नेतागण, जनजाति मोर्चा के लोग ग्राम संपर्क अभियान शुरू करेंगे. ग्राम पंचायत के माध्यम से प्रस्ताव दिया जाएगा जो आरक्षण में कटौती हुई है पुनः उसको यथावत किया जाए. इस अभियान में पूरे प्रदेश भर के जनजाति मोर्चा के विधायकगण हैं.

राज्य सरकार से कहा जाएगा कि, जो हमारे आरक्षण पर कटौती की जा रही है उस पर विचार किया जाए. 13 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक आदिवासी समुदाय के विधायकों के निवास का घेराव किया जाएगा. उनको जगाया जाएगा. आरक्षण में जो कटौती हो रही है उस पर ध्यान दें. दीपावली के बाद प्रत्येक ब्लॉक मुख्यालयों में मोटरसाइकिल रैली के माध्यम से रैलिया निकाली जाएगी. ब्लॉक मुख्यालय तहसील मुख्यालय एसडीएम कार्यालय वहां पर जाकर जनजाति समुदाय के नेतागण राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपेंगे.