रायपुर- बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा से एक मात्र भाजपा विधायक भीमा मंडावी की नक्सल हमले में असमय मृत्यु पर न सिर्फ प्रदेश में बल्कि देश में शोक व्याप्त है. भाजपा में शोक की लहर है, भाजपा कार्यकर्ता इस घटना के बाद से स्तब्ध हैं. पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सभी जिलों में श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर अपने दिवंगत नेता भीमा मंडावी को श्रद्धासुमन अर्पित किया.

भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में बुधवार को श्रद्धांजलि सभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, संगठन मंत्री पवन साय, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, गौरीशंकर अग्रवाल, राजेश मूणत, श्याम बैस, नंदकुमार साहू, सुभाष राव, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार अग्रवाल, सच्चिदानंद उपासने, संजय श्रीवास्तव, केदारनाथ गुप्ता, प्रफुल्ल विश्वकर्मा, सुभाष तिवारी, सहित सैकड़ों भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने 2 मिनट का मौन रखकर एवं पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद विधायक भीमा मंडावी और शहीद 4 जवानों को नमन किया.

श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम ने कहा कि बस्तर में भीमा मंडावी सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने शहादत दी है. हम उन कार्यकर्ताओं के जज्बे को और वहां के मतदाताओं को सैल्यूट करते हैं. उन्होंने दिवंगत नेता भीमा मंडावी को याद करते हुए कहा कि सरपंच के रूप में नक्सली घटना में अपने भाई को खोने वाले भीमा मंडावी ने नक्सल दंश को करीब से देखा था. वे स्वयं सचिव के रूप में जनता के बीच कार्य करके लगातार संघर्ष करते रहे और वे बस्तर टाइगर महेन्द्र कर्मा जी को हराकर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने कहा कि वे मिलनसार, मृदुभाषी और धार्मिक प्रवृत्ति के थे हाथ में कलगी और माथे पर टीका उनकी पहचान थी.

वे लगातार बस्तर क्षेत्र की जनता के लिए संघर्ष करते बैलाडीला की जनसमस्या को लेकर दिल्ली तक जाना और जनता की समस्या को प्रशासन के सामने मुखरता से रखना उनकी गंभीरता को परिलक्षित करता था. एक कार्यकर्ता के रूप में भीमा मंडावी का आत्म विश्वास और कार्य करने की क्षमता अद्भुत थी इसका प्रमाण हमें उस वक्त देखने मिलता था जब हमारे द्वारा दिये गये लक्ष्य को भीमा मंडावी स्वयं बढ़ाकर पूर्ण करके दिखाते थे. उन्होंने उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया और श्रद्धासुमन अर्पित किया.

भाजपा कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में विधायक भीमा मंडवी को याद कर सभी कार्यकर्ता प्रोजेक्टर में चल रहे उनके भाषण और चित्र को देख भावुक हो गये। श्रद्धांजलि सभा में दिवंगत भाजपा विधायक भीमा मंडावी को याद करते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने बताया कि गादापार ग्राम से उनके अंतिम दर्शन कर वे लौटें हैं और पूरा बस्तर आज शोक में डूबा है. उन्होंने कहा कि आज हमने बस्तर क्षेत्र में एक किसान पुत्र के रूप में जन्मे भाजपा के युवा नेता को खो दिया है.

यह न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के लिए अपितु इस देश और प्रदेश की राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति है. उन्होंने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के पर्यवेक्षक के रूप में दंतेवाड़ा जाने का और उस दौरान एक युवा नेता जो गरीबों को अंधेरे से उजाले की ओर ले जाने की बात करता था. जिसमें कुछ कर गुजरने का जजबा था जो शिक्षा और विकास के माध्यम से नक्सलवाद को दूर करने की सोच रखता था ऐसे युवा नेता भीमा मंडावी जिसने एक कार्यकर्ता के रूप में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की थी और जब उनका नाम विधायक प्रत्याशी के रूप में भाजपा ने तय किया तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए न सिर्फ जीत दर्ज की बल्कि बस्तर के विकास के लिए और नक्सलवाद के दंश के खिलाफ लगातार कार्य करते रहे.

धरमलाल कौशिक ने कहा कि विधायक भीमा मंडावी की शहादत बेकार नहीं जाएगी, लोकतंत्र की विजय होगी. लोकतंत्र के लिए विधायक भीमा मंडावी ने अपने प्राणों की कुर्बानी दी है. उन्होंने बस्तर वासियों से अपील करते हुए कहा कि शतप्रतिशत मतदान से ही भीमा मंडावी को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी इसलिए आप सभी निर्भीक होकर मतदान करें. उन्होंने भाजपा विधायक दल की तरफ से विधायक दल के उपनेता भीमा मंडावी को श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.