रायपुर- राज्यसभा में कांग्रेस के संशोधन प्रस्ताव के बाद पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का बिल खारिज होने के बाद बीजेपी अब कांग्रेस का असल चेहरा उजागर करने की दलील के साथ मूवमेंट छेड़ने जा रही है. छत्तीसगढ़ बीजेपी 15 सितंबर से 23 सितंबर तक प्रदेशभर में कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टी है, मूवमेंट चलाएगी. इस मूवमेंट के तहत बीजेपी प्रदेश भर में धरना-आंदोलन करेगी.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने लल्लूराम डाॅट काॅम से हुई बातचीत में कहा कि पिछड़ा वर्ग आय़ोग को मोदी सरकार सिविल न्यायालय जैसा अधिकार देना चाहती थी. संवैधानिक दर्जा दिए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने लोकसभा में बिला पारित कर लिया था. लेकिन राज्यसभा में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के संशोधन प्रस्ताव के बाद बिल गिर गया. कौशिक ने कहा कि बीजेपी कांग्रेस के इसी पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरे को जनता के बीच जाकर उजागर करेगी. पिछड़ा वर्ग के लोगों के बीच जाकर उन्हें बताया जाएगा कि केंद्र की मोदी सरकार ने संवैधानिक दर्जा दिए जाने की पहल शुरू की, लेकिन कांग्रेस नहीं चाहती थी कि आयोग को संवैधानिक दर्जा मिले. धरमलाल कौशिक ने कहा कि 70 साल बाद किसी प्रधानमंत्री ने बहुसंख्यकों को लाभ मिले इसलिए बिल लाया था. लेकिन कांग्रेस के दोहरा चरित्र ने इसे खारिज करने ताकत झोंक दी.
इधर बीजेपी के इस अभियान को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने लल्लूराम डाॅट काॅम से कहा कि राज्यसभा में संशोधन प्रस्ताव को कांग्रेस ने पेश किया था, वह पिछड़ा वर्ग के हित को ध्यान में रखकर ही किया था. केंद्र सरकार जो बिल ला रही थी, उस बिल में कांग्रेस ने यही संशोधन दिया था कि आयोग में जिन आईएएस वर्ग के जिन आठ सदस्यों की नियुक्ति की जानी है, वह भी पिछड़ा वर्ग से ही शामिल किया जाए. ये संशोधन पिछड़ा वर्ग के लोगों के हित को ध्यान में ही रखकर कांग्रेस ने लाया था. मोदी सरकार पिछड़ा वर्ग को कमजोर करने की बात कह रही थी. बघेल ने कहा कि जब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य आरक्षण के विरोध में बयान देते हैं, तो फिर बीजेपी किस आधार पर कांग्रेस के विरोध में आंदोलन कर रही है. छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार भी आरक्षण विरोधी है. यही वजह है कि हर क्षेत्र में आउटसोर्सिंग की जा रही है.