कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद सत्ता में काबिज भाजपा संगठन पर बना मनोवैज्ञानिक दबाव दूर हो गया है। भाजपा ने प्रदेश में अपने मुख्य संगठन चुनाव से पहले नगरीय निकाय उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। यह जीत भाजपा के लिए क्यों जरूरी थी, पढ़िए ये खास खबर।
कार्यकर्ताओं पर बन गया था मनोवैज्ञानिक दबाव
MP के ग्वालियर चंबल अंचल से आने वाली विजयपुर विधानसभा सीट पर प्रदेश सरकार के वन मंत्री और प्रत्याशी रामनिवास रावत को कांग्रेस के आदिवासी कार्ड के सामने करारी हार का सामना करना पड़ा था। विजयपुर सीट पर दिग्गजों द्वारा झोंकी गई पूरी ताकत के बावजूद हार मिलने से कहीं ना कहीं अंचल और प्रदेश के कार्यकर्ताओं पर मनोवैज्ञानिक दबाव बन गया था और इस बीच उनके सामने आ खड़े हुए नगरीय निकाय उपचुनाव। यही वजह रही की बीजेपी के लिए यह नगरीय निकाय उपचुनाव जीतना बेहद जरूरी था। ताकि अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं पर बने मनोवैज्ञानिक दबाव को दूर किया जा सके। ऐसे में प्रदेश के नगरीय निकाय उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर के बाद जो परिणाम सामने आए हैं उसने बीजेपी पर बने मनोवैज्ञानिक दबाव से मुक्त कर दिया है।
यह रहे नतीजे
प्रदेश के नगरीय निकाय उपचुनाव के नतीजे पर गौर किया जाए तो बीजेपी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की, वही कांग्रेस के खाते में महज एक सीट आई, इसके अलावा एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को भी जीत हासिल हुई है। जानिए इन सीटों पर कौन जीता
- नगर निगम ग्वालियर में वार्ड 39 में भाजपा की अंजलि पलैया चुनाव जीती
- नगर निगम रीवा में वार्ड 10 में भाजपा की अमिता सिंह जीती
- नगर पालिका गुना के वार्ड 10 में भाजपा के विनोद कल्याण सिंह जीते
- नगर परिषद निवास जिला मंडला के वार्ड 13 में बीजेपी की शांतिबाई जीती
- नगर परिषद जैतहरी के वार्ड 6 में बीजेपी की हेमलता जीती
- नगर पालिका परिषद सारणी के वार्ड 33 में कांग्रेस की रेखा भलावी जीती
- नगर परिषद बरेली के वार्ड 9 में निर्दलीय प्रत्याशी पीयूष मालवीय निर्विरोध चुनाव जीते
नगरीय निकाय उपचुनाव में बीजेपी को मिली इस मजबूत जीत के बाद BJP के वरिष्ठ नेता रामेश्वर भदोरिया का कहना है कि यह बात सच है कि विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं पर मनोवैज्ञानिक दबाव बन गया था। ऐसे में प्रदेश में बीजेपी को नगरीय निकाय उपचुनाव में जो जीत हासिल हुई है उसके बाद मनोवैज्ञानिक दबाव दूर हुआ है। यही वजह है कि इसे सामान्य जीत नहीं मनोवैज्ञानिक बढ़त वाली जीत के रूप में भी देखा जा रहा है।
कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला
हालांकि नगरीय निकाय उपचुनाव प्रणाम को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ राम पांडे का कहना है कि भाजपा को जनता ने विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में सबक सिखाया था उस दौरान पार्टी के सभी दिग्गज नेताओं ने अपनी पूरी ताकत चुनाव जीतने लगाई थी, अब नगरीय निकाय उपचुनाव के दौरान मिली जीत को भाजपा भले ही मनोवैज्ञानिक दबाव दूर करने वाली जीत का दावा करें, लेकिन इससे कांग्रेस को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।
बहरहाल विजयपुर विधानसभा सीट पर मिली हार से बीजेपी को उबरने में नगरीय निकाय उपचुनाव परिणाम ने बहुत बड़ा रोल अदा कीया है, ऐसे में आने वाले दिनों में भाजपा संगठन के होने वाले मुख्य चुनाव और उसके बाद निगम मंडल की नियुक्तियों में भी बीजेपी को मानसिक रूप से बहुत मजबूती मिल सकेगी।
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