कवर्धा. विधानसभा चुनाव के दौरान तरेगांव जंगल के समीप कांग्रेस कार्यकर्ता के साथ गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी देने और बलवा करने के मामले में कवर्धा के भाजपा प्रत्याशी विजय शर्मा के भाई सहित 5 भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है. इस घटना में पीड़ित अजीत बाजपेयी ने घटना में लगभाग 70-80 भाजपा कार्यकर्ताओं के शामिल होने की एफआईआर लिखवाई है.
घटना 4 नवबंर की रात लगभग 11.30 बजे की है. घटना की शिकायत अगले दिन की गई थी. चेक पोस्ट मे लगे सीसीटीवी कैमरे चेक करने के बाद इस मामले में थाना तरेगांव जंगल में धारा 147, 294, 506 (बी) का अपराध दर्ज किया गया है. एफआईआर के अनुसार, भाजपा प्रत्याशी विजय शर्मा के रिश्तेदार अजय शर्मा सहित काशी उइके, बरसाती वर्मा, तेजु जैन, दिलीप नायक अपने 70 – 80 भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ अजीत बाजपेयी को कार से उतारकर वाहन की जांच करने लगे. इसके बाद कांग्रेस पार्टी के विरूद्ध आपत्तिजनक नारे लगाकर उसे धमकी दिए. मारपीट करते हुए घटना स्थल से अपहरण कर दूर ले जाकर एक रजिस्टर देकर उसमें चुनाव की एंट्री लिखवाने मजबूर कर दिया.
इसके बाद थाना तरेगांव जंगल मुख्य मार्ग पर मारपीट किए. जेब में रखे 20-22 हजार रुपए और मोबाइल फोन लूट लिए. 2-3 घंटों तक घटना को अंजाम देने के बाद थाना के अंदर ले जाकर दुर्व्यवहार किए. लगभग 1 घंटे बाद मोबाइल फोन लाकर दिए. थाना के अंदर में ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने अजीत बाजपेयी का मोबाइल फोन से वीडियो बनाया. पूरी घटना थाना के सामने व थाने के अंदर में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हुई है.
चेक पोस्ट का सीसीटीवी चेक करने के बाद अपराध दर्ज
इस मामले में उल्लेखनीय है कि पुलिस ने कवर्धा में मतदान की तारीख 7 नंवबर के पूर्व अपराध दर्ज नहीं किया. घटना तरेगांव जंगल चेक पोस्ट में लगे सीसीटीवी कैमरा और थाना के सामने व अंदर लगे सीसीटीवी में रिकार्ड हुई है. मामले की विवेचना कर रहे थाना तरेगांव जंगल के उप निरीक्षक सुरेश कश्यप ने एफआईआर के तथ्य में इस बात का उल्लेख भी किया है कि उन्होंने चेक पोस्ट पर लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया है. इसके बाद अजय शर्मा निवासी कवर्धा, काशी उइके निवासी कामाडबरी तरेगांव जंगल, बरसाती वर्मा निवासी मड़मड़ा पांडातराई, तेजू जैन निवासी तरेगांव जंगल, दिलीप नायक निवासी तरेगांव जंगल के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है.
थाने में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पीड़ित को किया टार्चर
अजीत बाजपेयी ने पैसे लूटने की भी रिपोट दर्ज कराई है, लेकिन इसकी धारा नहीं लगाई गई है. अपहरण के संबंध में भी अपराध दर्ज नहीं किया गया है. सीसीटीवी कैमरे से साबित होता है कि घटना में दर्जनों लोग शमिल थे, जिसका नाम पीड़ित अजीत बाजपेयी को मालूम नहीं है. इसकी विवेचना नहीं की गई है. घटना के समय पुलिस इतनी मजबूर थी कि थाना के अंदर भाजपा कार्यकर्ता अजीत बाजपेयी से दुर्व्यवहार कर रहे थे और पुलिस कुछ भी नहीं कर रही थी. थाना में लाने के पूर्व अजीत बाजपेयी कवर्धा के भाजपा प्रत्याशी विजय शर्मा के रिश्तेदार अजय शर्मा और उसके साथ शमिल भाजपा कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ के कब्जे में था. आप सोच कर सहम जाएंगे कि बेकाबू भीड़ अगर आपको घंटों अपने कब्जे में रखे रहे तो आपकी क्या दशा होगी.
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