रायपुर- बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने प्रदेश सरकार पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी अहम जानकारियां छिपाने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा है कि कोरोना के मरीजों का आंकड़ा और उससे हुई मौतों का सच छिपाकर सरकार क्या प. बंगाल की राज्य सरकार के नक्श-ए-कदम पर चल रही है?
विक्रम उसेंडी ने कहा कि संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों को लेकर सरकार की पारदर्शिता और ईमानदारी सवालों के दायरे में आ गई है. अभी हाल ही बेमेतरा में एक युवक की मृत्यु होने के तीन घंटे के बाद उसकी सैम्पलिंग की गई जबकि अब तक उसकी मौत के कारणों को स्पष्ट नहीं किया गया है. एक अन्य व्यक्ति का कोरोना संदिग्ध बता उपचार किया जा रहा था और बाद में उसे कोरोना निगेटिव बता दिया गया जबकि उसका इलाज कर रहे डॉक्टर को क्वारेंटाइन कर रखा गया है.
उसेंडी ने कहा कि सूरजपुर में दो लोगों की मौत को लेकर भी प्रदेश सरकार की विश्वसनीयता दांव पर है. इन मौतों को संदिग्ध माना जा रहा है क्योंकि सूरजपुर के इन मृतकों को कोरोना निगेटिव बताने पर सरकार आमादा नजर आ रही है. इन मृतकों का पोस्टमार्टम क्यो नहीं कराया गया ?
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर्स में लगातार मौतों का सिलसिला जारी है और प्रदेश सरकार और उसकी प्रशासनिक मशीनरी इन मौतों को छिपाकर प्रदेश को अंधेरे में रख रही है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार प. बंगाल की राज्य सरकार की तरह ही तथ्य और सत्य को छिपाकर कोरोना नियंत्रण के झूठे दावे कर रही है. उसेंडी ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के कोरोना को लेकर परस्पर विरोधाभासी बयानों पर हैरत जताई कि एक तरफ मुख्यमंत्री कोरोना पर नियंत्रण का दावा करते फिर रहे हैं वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री कोरोना संकट के और गहराने की आशंका जता रहे हैं. इन परस्पर विरोधाभासी बयानों से प्रदेश में दुविधा की स्थिति बन रही है.