वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. प्रदेश की राजनीति में बिलासपुर की अहम भूमिका रही है, जिसकी वजह से कांग्रेस, भाजपा बिलासपुर को केंद्र में रखकर अपना चुनावी कैंपेन शुरू कर रही है. 30 जून को यहां कांग्रेस-बीजेपी दोनों पार्टी के दिग्गज मौजूद रहेंगे और चुनावी बिगुल फूंकेंगे. एक ओर जहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की जनसभा है तो वहीं कांग्रेस का 3 स्थानों पर बूथ चलो अभियान भी होगा, जिसमें सीएम समेत पार्टी के दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे.

30 जून को शाम 3 बजे रेलवे के फुटबॉल ग्राउंड में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की जनसभा होगी, जिसमें भाजपा प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेशाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष समेत पार्टी के तमाम दिग्गज शामिल होंगे. वहीं दोपहर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा सहित कांग्रेस नेताओं का शहर में जमावड़ा लगेगा. कांग्रेसी दिग्गज तीन स्थानों पर आयोजित बूथ चलो अभियान में भाग लेंगे.

दरअसल मध्यप्रदेश के जमाने में इमर्जेंसी के बाद इंदिरा विरोधी लहर के बावजूद 1977-78 के विधानसभा चुनाव में जिले की 19 विधानसभा सीटों में से 13 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की. जिला विभाजन के दौर में 1998 में जब 10 सीटें हुआ करती थीं, तब यहां से भाजपा ने 7 सीटें जीती थीं. तब कांग्रेस का परफॉर्मेंस कमजोर हुआ.

बिलासपुर का कद ऐसा रहा कि जिले के अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के पहले सीएम बने तो वहीं राजेंद्र प्रसाद शुक्ल मप्र के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा के भी स्पीकर रहे. एक समय 5-5 मंत्री जिले से हुआ करते थे. बिलासपुर की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस के बूथ चलो अभियान के बिलासपुर के प्रभारी स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैं.