रायपुर। प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था के खिलाफ बीजेपी के हजारों कार्यकर्ताओं ने आज रायपुर में जन आक्रोश रैली निकाली. इस दौरान पुलिस-भाजपाईयों के बीच जमकर झड़प हुई. पुलिस ने गृहमंत्री का घेराव करने जाते भाजपाईयों को सप्रे शाला स्कूल के पास ही रोक लिया. इसके बाद पुलिस ने पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी समेत हजारों कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया. सप्रे स्कूल को अस्थाई जेल बनाकर सभी कार्यकर्ताओं को रखा गया है.

दारू भट्टी का विरोध करने पर जेल में डाल देते हैं- मूणत

इससे पहले राजेश मूणत सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार के कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सत्ता कौन खिलाता है. सुबह व्यक्ति की हत्या हो जाता है. मुझे बोलने में ये संकोच होता है कि प्रशासनिक पद पर रह चुका हूं. हम कभी किसी को थाने छुड़ाने नहीं गए. आज विधायक जाकर थाने बैठ जाता है.

अभी तो ये झांकी है, आगे ट्रेलर है. चरस माफिया कौन है, गांजा माफिया, अफीम माफिया कौन है. कोकीन माफिया कौन है. दारू किसके संरक्षण में बिक रही है. रायपुर के पुलिस के हम विरोधी नहीं है. आपकी करनी के विरोधी है. हम आपको जगाने निकले है.
सत्ता कौन चला रहा है. वीआईपी रोड किसे पकड़ने गए थे.

मैं सिर्फ आरोप नहीं लगा रहा ये पुलिस के साथ बताते हैं. ये युवा पीढ़ी, छत्तीसगढ़ के भाग्य विधाता की पीढ़ी इसे कोकीन चरस में डुबो रहे है. डेढ़ महीने में कोकीन के सप्लायर को पुलिस पकड़ नहीं पाई.

नीग्रो कोकीन बेचकर चला जाता है, पुलिस को पता नहीं चलता. कांग्रेस के एक नेताओं को शर्म नहीं आती, एक नेता महिला को आइटम बोलता है दूसरा रेप की घटना को छोटी कहता है. अभी ये छोटी लड़ाई शुरू की है. जिस थाने में अनियमितता मिलेगी, वहां हमारा कार्यकर्ता थाने पहुंचकर अन्याय के खिलाफ संघर्ष करेगा. इनका धंधा है जमीन खाली कराओ, मकान खाली कराओ. ये लड़ाई अब जनता की लड़ाई हो गई है. दारू भट्टी का विरोध करने पर कार्यकर्ता को जेल में डाल देते हैं.

रायपुर के थाना में पैसा खाना बन्द करो- बृजमोहन

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल बोले कि ये सरकार निर्लज्ज, निकम्मी है. इसे उखाड़ने की लड़ाई लड़नी है. 5 दिन पूजा करके शक्ति अर्जित कर लो. मां ये शक्ति दे की अन्यायी राक्षसों को ठीक करना है. मैंने सोचा था कि एक साल सरकार का हनीमून चलेगा, दूसरे साल सरकार कुछ काम करेगी और तीसरे साल हम सड़कों पर उतरेंगे लेकिन डेढ़ साल में ही हम सड़कों पर सरकार का विरोध कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में अधिकारी से जब हम पूछते हैं कि पहले पैसा नहीं खाते थे तो जवाब देते हैं कि हमे ऊपर पहुंचाना होता है. सभी पैसा खाने का काम करने में जुटे है. रायपुर के थाना में पैसा खाना बन्द करो. रायपुर से पूरे प्रदेश को दिशा दिखाना है. सरकार को चेतावनी देने के लिए ये जन संघर्ष रैली है. जब संघर्ष की पारी आती है तो ज्यादा भाषण की जरूरत नहीं है. कार्यकर्ताओं को जेल, कोर्ट कचहरी, गोली से नहीं डरने और संघर्ष करने तैयार करने का ये अभ्यास है.