रायपुर। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने प्रदेश में अब बड़े पैमाने पर यूरिया घोटाले को अंजाम दिए जाने की आशंका व्यक्त की है। प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी चरित्र का परिचय देने का आरोप लगाते हुए शर्मा ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक स्थिति है कि कांग्रेस की इस नाकारा सरकार के राज में प्रदेश का किसान क़दम-क़दम पर पस्त है और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तीजा-पोरा तिहार में ढोल पीटने में मस्त हैं। शर्मा ने तीखा कटाक्ष किया कि मुख्यमंत्री बघेल ने यूँ भी अपने पूरे कार्यकाल में केवल ढोल पीटने और झूठी वाहवाही बटोरने के अलावा और कुछ किया ही क्या है?
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि मंगलवार को अंबिकापुर में यूरिया खाद की मांग को लेकर हज़ारों किसानों के प्रदर्शन से यह आईने की तरह साफ हो गया है कि प्रदेश सरकार किसानों के साथ केवल और केवल दग़ाबाजी और छल-कपट करने पर उतारू है, अन्यथा कोई कारण नहीं है कि जिस छत्तीसगढ़ में भाजपा के 15 वर्षों में किसानों को अपनी ज़रूरतों के लिए सड़क पर नहीं उतरना पड़ा, उस छत्तीसगढ़ के किसान कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद लगातार परेशान और प्रताड़ित हो रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में भी अगर प्रदेश का किसान अपनी खेती-किसानी को बचाने के लिए अपनी ज़िंदग़ी दाँव पर लगाकर सड़क पर उतरने के लिए विवश हो गया है तो यह प्रदेश की कांग्रेस सरकार के निकम्मेपन का सबसे बड़ा शर्मनाक उदाहरण है। अंबिकापुर के किसान-प्रदर्शन को जायज ठहराते हुए श्री शर्मा ने कहा कि भाजपा किसानों के साथ इस बार क़तई अन्याय नहीं होने देगी। किसानों के साथ छल-कपट की सियासी फ़ितरत दिखाने और दग़ाबाजी व सियासी नौटंकियाँ करने की बड़ी कीमत चुकाने के लिए कांग्रेस को अब तैयार रहना हो जाना चाहिए।
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने पहले सत्ता में आने के लिए और फिर सत्ता में आने के बाद किसानों को छलने का काम ही किया है। गंगाजल हाथ में लेकर कसमें खाने वाले कांग्रेस के नेताओं ने न तो किसानों को पूरी तरह से कर्ज़मुक्त किया, न ही उन्हें वादे के मुताबिक दो साल का बकाया बोनस दिया, और धान के समर्थन मूल्य पर ख़रीदी के नाम पर किसानों को रोज़ नित-नए नियम-क़ानून बनाकर आख़िरी तक न केवल हलाकान किया, बल्कि किसानों के आत्म-सम्मान तक को लहूलुहान कर दिया था। बीज के नाम पर घटिया बीज किसानों को देकर सरकार ने धोखाधड़ी की। किसानों को पिछले खरीफ सत्र के धान का पूरा पैसा नहीं दे पाने वाली सरकार अभी से बारदाना आपूर्ति में दिक्कत की बहानेबाजी कर चालू खरीफ सत्र में धान खरीदी और किसानों को भुगतान से बचने के लिए साजिशों का जाल बुनने में भी जुट गई है। श्री शर्मा ने कहा कि अब यूरिया के नाम पर किसानों को प्रताड़ित होना पड़ रहा है जबकि सरकार को यूरिया की निर्बाध आपूर्ति की समय रहते तैयारी कर लेनी थी। प्रदेश सरकार इस समस्या के निराकरण की तत्काल पहल करे, अन्यथा भाजपा किसानों के साथ हर क़दम पर संघर्ष के लिए खड़ी रहेगी।