शिखिल ब्यौहार, भोपाल। लोकसभा चुनाव में बीजेपी के घोषणा पत्र को लेकर एमपी से करीब तीन लाख लोगों ने सुझाव दिए हैं। डिजिटल रथ समेत अन्य माध्यमों से बीजेपी ने लोगों से सुझाव मांगे थे। उधर, कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र न्याय पत्र के नाम से जारी कर दिया है। बीजेपी पदाधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस और बीजेपी में जमीन आसमान का अंतर है। बीजेपी में जनता और उनकी इच्छाएं ही सेवा धर्म का आधार है। लिहाजा लोगों की मांग के अनुरूप ही घोषणा पत्र तैयार किया जा रहा है। 

मध्यप्रदेश की आवाज को केंद्रीय घोषणा पत्र समिति के सामने रखने के लिए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को रखा गया है। बीजेपी का दावा है कि विकास के साथ अंतिम व्यक्ति तक नई योजनाओं का लाभ यह घोषणा पत्र होगा। केंद्र सरकार की लखपति दीदी योजना को लेकर नया प्लान भी जनता के सामने होगा। फीडबैक के आधार पर हर वर्ग के लिए मोदी की गारंटी के घोषणा पत्र में कार्य योजना को जल्द सार्वजनिक किया जाएगा।

 कांग्रेस के घोषणा पत्र पर निशाना साधते हुए कहा बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कहा कि राहुल गांधी 2018 के विधानसभा चुनाव में एमपी आए थे। उनके एक भी वादे कांग्रेस सरकार में पूरे नहीं हुए। कांग्रेस गरीबी हटाने के बजाए गरीबों को हटाने का काम करती है। झूठ, प्रपंच और षड्यंत्र के न्याय पत्र का नाम अन्याय पत्र होना चाहिए। मोदी की लहर में एमपी में 29 और देश में बीजेपी 400 से ज्यादा सीटों पर कमल खिलाएगी। 

उधर, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने न्याय पत्र को एमपी के लिहाज से अब तक का सबसे बेहतर घोषणा पत्र बताया। साथ ही कहा कि देश भर से मिले लाखों सुझाव के आधार पर कांग्रेस ने न्याय पत्र लोगों के सामने रखा है। रोजगार, महंगाई, धांधली जैसी कई समस्याओं के निदान का यह पत्र कांग्रेस का नहीं जनता का पत्र है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने तो किसानों से किया वादा पूरा किया न ही रोजगार को लेकर कोई कदम उठाया। जनहित और जनतंत्र से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है। लोकतंत्र के हत्यारों पर इस बार जनता विश्वास नहीं करने वाली।

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