रायपुर. कांग्रेस की कार्यकारिणी पर बीजेपी ने तीखा कटाक्ष किया है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस की भारी भरकम कार्यकारिणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा प्रदेश महामंत्री संतोष पाण्डेय ने सवाल किया कि यह कांग्रेस ने कार्यकारिणी बनाई है या फिर मीना बाजार भरा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इस कार्यकारिणी में 331 पदाधिकारी हैं और अध्यक्ष मिलाकर 332 लोग कांग्रेस को चलाएंगे या अलग-अलग दिशाओं में खींच कर उसका बचा खुचा संतुलन भी बिगाड़ देंगे? कहा जा सकता है कि भूपेश बघेल इस मीना बाजार के मौत का कुंआ में बाइक चलाने का करतब दिखाने का काम करेंगे।

श्री पाण्डेय ने कहा कि यह कमाल की कार्यकारिणी है। कांग्रेस में किस कदर खींचतान मची हुई है, इस का अंदाज इससे ही लगाया जा सकता है कि 11 उपाध्यक्ष इसके दुगुने महासचिव बनाने के बावजूद संयुक्त महासचिव के 32 नये पद सृजित कर डाले। इतने पर भी संतुष्टि नहीं हुई तो 134 सचिवों और 46 संयुक्त सचिव की नियुक्ति की गई। सात सदस्यों 18 स्थाई आमंत्रितों के साथ ही 61 विशेष आमंत्रित सदस्यों वाली यह कार्यकारिणी बता रही है कि डूब रहे जहाज में इतने सवार चढ़ा लिये गये हैं कि वह ऐसा डूबे कि 50 साल तक खोजने पर भी नजर न आये।

श्री पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस की इस कार्यकारिणी ने यह भी झलक दिखला दी है कि कांग्रेस में टिकटों को लेकर किस तरह महाभारत छिड़ी है और उसी के मद्दे नजर हर एक विधानसभा सीट पर 3-4 पदाधिकारियों की औसतन नियुक्ति का रास्ता निकाला गया है। सवाल तो यह है कि अब कांग्रेस में जब सारे के सारे लोग संचालक बन गये हैं तो वहां पार्टी का काम करने वाले कार्यकर्ता कहां से लाएंगे।

रस्सी पर संतुलन बनाने का करतब दिखा रहे भूपेश

छत्तीसगढ़ कांग्रेस की कार्यकारिणी के गठन में हुए ऐतिहासिक विलंब पर कटाक्ष करते हुए भाजपा प्रदेश महामंत्री गिरधर गुप्ता ने कहा है कि कांग्रेस को यहां अपनी कार्यकारिणी बनाने में 5 साल लग गये तो सरकार बनाने में 50 साल लग जायेंगे। जो पार्टी अपनी प्रदेश इकाई का गठन करने में इतना वक्त लगा दे, वह जनता के लिए विकास खोजने का संदेश देने वाली सरकार बनाने में कितना वक्त लेगी? जाहिर है कि कांग्रेस ने अपनी टीम बनाने में जो इतना लंबा समय लगाया है, वह जनता के हित में फैसले लेने की क्षमता पूरी तरह खो चुकी है। कांग्रेस में पिछले लंबे समय से यह देखा जा रहा है कि चुनाव की तैयारियों के समय प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी नियुक्त कर दिये जाते हैं और चुनाव के बाद इनकी छुट्टी हो जाती है।

श्री गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस के मौजूदा चुनाव अभियान प्रभारी चरणदास महंत तो अपने अध्यक्षीय काल में कार्यकारिणी का चेहरा देखने को तरस गये थे। इस मामले में वर्तमान पीसीसी प्रमुख भूपेश बघेल किस्मत वाले हैं कि चुनाव के ठीक पहले उनके सहयोग के लिए दिल्ली दरबार ने कार्यकारिणी के नाम पर पूरा सर्कस तैयार कर दिया है और भूपेश बघेल रस्सी पर संतुलन बनाने का करतब दिखाते हुए छत्तीसगढ़ की जनता को नजर आ रहे हैं। दरअसल कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने कार्यकारिणी के नाम पर प्रदेश कांग्रेस को इस बुरी तरह उलझा दिया है कि सवा तीन सौ से ऊपर पदाधिकारियों वाली कार्यकारिणी के लोगों के बीच किसी एक विषय पर सहमति बनाने में ही सारा वक्त निकल जायेगा और स्थिति तो यही नजर आती है कि चुनाव बाद न तो मौजूदा अध्यक्ष नजर आयेंगे और न ही उनकी यह कार्यकारिणी।