रायपुर। छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की प्रकिया में आरक्षण बंटवारे को लेकर विवाद शुरु हो गया है. बीजेपी ने बिना जातिगत जनगणना के आरक्षण करने का आरोप लगाया है. भिलाई नेता प्रतिपक्ष निकेश सेन और बीजेपी प्रवक्ता गौरी शंकर श्रीवास ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के दबाव में आरक्षण निर्धारित किया गया है. शहीद स्मारक भवन में ही अधिकारियों के सामने बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया.

आपत्ति करने वालों का कहना है कि सन 1980 के बाद जातिगत जनगणना नहीं हुआ है और पूर्व में हुए जातिगत जनगणना के आधार पर वर्तमान में हॉट फ़ोटो भी आरक्षण निर्धारित करना पूर्ण ग़लत है. किसी के दबाव में ये किया जा रहा है.

इस मामले में सांसद छाया वर्मा का कहना है कि इससे पहले तक लॉटरी से आरक्षण निकाला गया है, वो सब सही था. कांग्रेस की सरकार बनते ही अब वही प्रक्रिया ग़लत हो गया. जब बीजेपी वालों का कहना था कि जातिगत जनगणना हुआ ही नहीं, तो बीजेपी शासन काल में किया वो ग़लत ही करते आए हैं.

नगरीय प्रशासन के उप सचिव आर एक्का का कहना है कि हमारे पास किसी भी तरह से लिखित आपत्ति नहीं आई है. आपत्ति आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. भारत सरकार हर 10 साल में जनगणना कराती है, उसी के आधार पर आज का आरक्षण तय किया गया है. जिस जगह पे जो आरक्षण लागू है, वहाँ की स्थिति वहाँ की जनसंख्या पहले बताया गया. उसके बाद लॉटरी सिस्टम से निर्धारण हुआ है.