मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का कहर देखने को मिल रहा है. यहां ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) से 52 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 8 मरीजों के एक आंख की रोशनी गायब हो गई है. मरीज को दिखाई देना बंद हो गया है. राज्य में तेजी से फैल रहे इस रोग से राज्य स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ गई है.

राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार ब्लैक फंगस से मृत लोगों की सूची बनाई है. जिसमें यह आंकड़ा सामने आया है.

अधिकारी ने कहा कि सभी 52 मरीजों की मौत देश में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद हुई. महाराष्ट्र में पिछले साल 2020 में ब्लैंक फंगस से बहुत कम लोगों की मौत हुई थी. लेकिन इस साल संख्या बढ़ गई.

सरकार ने किया स्वीकार

महाराष्ट्र सरकार ने यह स्वीकार किया है कि ब्लैक फंगस पीड़ित 8 मरीजों को एक आंख से दिखाई देना बंद हो गया है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि राज्य में ब्लैक फंगस के करीब 2000 मामले हैं. राज्य ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए एक लाख एम्फोटेरिसिन-बी फंगस रोधी इंजेक्शन खरीदने के लिए निविदा निकाली जाएगी. इसके साथ ही महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत ब्लैक फंगस मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाएगा.

इन मेडिकल कॉलेजों में इलाज

ऐसे मरीजों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने 18 मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में अलग वार्ड बनाने का फैसला किया है. इसके इलाज में कई विषयों में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है क्योंकि यह फंगल संक्रमण नाक, आंख के जरिए फैलता है और मस्तिष्क तक पहुंच सकता है.