रायपुर। प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले इस बार किसानों ने लगभग 3 गुना ज्यादा खेतों में टमाटर लगाया. छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े टमाटर उत्पादक क्षेत्र धमधा क्षेत्र में होता है. प्रदेश के किसान खेती में निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है किसान कम लागत में अधिक लाभप्रद खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहे हंै. खेती में ज्यादा फायदे के लिए किसान नित नए प्रयोग कर रहा है. इसी कड़ी में काले टमाटर की खेती अब हमारे देश में भी आम होती जा रही है. इससे किसानों अच्छी कीमत भी मिल रही है.

5 लाख तक मिलता है मुनाफा

विदेश में हमेशा डिमांड में रहने वाला काला टमाटर भारत में भी सफल है. अब छत्तीसगढ़ के किसान भी इस नई किस्म का उत्पादन करने की तैयारी में है. बता दें सबसे पहले काले टमाटर की खेती की शुरूआत इंग्लैंड में हुई है. इसका श्रेय रे ब्राउन को जाता है. उन्होंने जेनेटिक मुटेशन के द्वारा काले टमाटर को तैयार किया था. अब भारत में भी काले टमाटर की खेती की शुरूआत हो चुकी है. यूरोप के मार्केट का ‘सुपरफूड’ कहा जाने वाली ‘इंडिगो रोज टोमेटो’ की खेती में अब भारत के कई स्थानों पर सफलता पूर्वक हो रही है. काले टमाटर की खेती से प्रति हेक्टेयर 5 लाख का मुनाफा हो जाता है.

बुआई के लिए जनवरी-फरवरी अनुकूल

काले टमाटर की बुआई का समय जनवरी-फरवरी माह अनुकुल होता है. गर्मियों यानी मार्च-अप्रैल के माह में किसान को काले टमाटर मिलने लगते हैं. काले टमाटर के बीजो की रोपाई के लिए रोपाई से पहले नर्सरी की मिट्टी को भुरभुरा कर ले. इसके बाद बीजो को भूमि की सतह से 20 से 25 सेमी की ऊंचाई पर लगाना होता है. नर्सरी में बीजो की रोपाई के &0 दिन पश्चात् खेत में पौध रोपाई कर दे. भारत में इसकी खेती झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के कई किसान कर रहे हैं.

कहां मिलेगा बीज

काले टमाटर की बीज अब भारत में आसानी से उपलब्ध है. इसके लिए बीज आप अमेजन, फ्लिपकार्ट, बिगहाट जैसी कंपनियों से ऑनलाइन मंगा सकते हैं

उन्नत किस्में

– ब्लू चॉकलेट
– ब्लू गोल्ड फ़ारेनहाइट ब्लूज
– डांसिंग विथ स्मर्फस
– हेल्सिंग जंक्शन ब्लूज
– इंडिगो ब्लू बेरीज डार्क गैलेक्सी
– इंडिगो रोज़
– इंडिगो रब
– सनब्लैक
– पर्पल बंबलबी
– ब्लैक ब्यूटी
– ब्लू बायो

काले टमाटर की विशेषता

काले टमाटर में लाल टमाटर के मुकाबले अधिक औषधीय गुण पाए जाते हैं. इसे लंबे समय तक ताजा रखा जा सकता है. अलग रंग और गुण होने के कारण इसकी कीमत बाजार में लाल टमाटर के मुक़ाबले अधिक है.

लागत एवं मुनाफा

इसकी खेती में भी उतना ही खर्च आता है, जितना लाल टमाटर की खेती में होता है. केवल बीज का खर्च अधिक पड़ता है. इसकी खेती में खर्च निकालकर प्रति हेक्टेयर 4-5 लाख का मुनाफा हो सकता है. काले टमाटर की पैकिंग और ब्रांडिंग भी मुनाफे को बढ़ा देती है. पैकिंग करके आप इसे बड़े महानगरों में बिक्री के लिए भेज सकते हैं. इसके आकर्षक रंग को देखकर ग्राहकों की उत्सुकता खरीदने में और बढ़ जाती है.

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