Black Turmeric: हल्दी के औषधीय गुणों के विषय में तो हम सभी जानते हैं लेकिन आज हम बात कर रहे हैं काली हल्दी की सांस संबंधित बीमारियों में बहुत फायदेमंद होती है, जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है. हालांकि इसे काली हल्दी कहते हैं लेकिन यह काले और नीले रंग के कॉम्बिनेशन में होती है. काली हल्दी आमतौर पर भारत के पूर्वोत्तर और मध्य प्रदेश में उगायी जाती है. काली हल्दी को एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर माना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम Curcuma caesia है.

एक स्टडी के अनुसार, बहुत कम ही लोग काले हल्दी के बारे में जानते हैं. यह आयुर्वेद की अछूती जड़ी बूटियों में से है. इसमें कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं. जिसमें से ऐंटिफंगल, एंटी अस्थमा, एंटीऑक्सिडेंट, एनाल्जेसिक, लोकोमोटर डिप्रेसेंट, एंटीकॉन्वेलसेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-अल्सर और मांसपेशियों को आराम देने वाले प्रभाव, चिंताजनक और सीएनएस अवसाद से आराम पहुचाने वाले गुण प्रमुख है. जो कई तरह की बीमारियों से आपके शरीर की रक्षा कर सकते हैं.

सांस संबंधित बीमारियों में काली हल्दी का बहुत फायदेमंद होती है. इसमें एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाया जाता है जो सर्दी, जुकाम, खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियों से राहत दिलाता है. इसके उपयोग आप पीली हल्दी के तरह ही कर सकते हैं. कई महिलाओं को अपने मासिक धर्म के दौरान बहुत दर्द से गुजरना पड़ता है. ऐसे में काली हल्दी का एंटी इनफ्लेमेट्री गुण राहत पहुंचा सकता है. इसके लिए गरम दूध में काली हल्दी के पाउडर को मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है.

काली हल्दी गैस्ट्रिक समस्याओं से छुटकारा दिलाने का काम करती है. एसिड रिफ्लक्स, गैस, सूजन, हिचकी, अपच, अल्सर गैस्ट्रिक इशू हैं. कई बार असंतुलित दिनचर्या और खान-पान के वजह से यह समस्या हो जाती है. इससे छुटकारा पाने के लिए काली हल्दी की कुछ मात्रा खाने के साथ या पानी के साथ ले सकते हैं.

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