रायपुर. इस धरती पर प्रकृति ने जो कुछ भी उत्पन्न किया है, वह बेवजह नहीं है, ऐसी ही दुर्लभ वस्तुओं में से एक काली हल्दी. काली हल्दी बड़े काम की है. हमारे जीवन में हल्दी कई मायनों में महत्वपूर्ण है. इससे खाने का स्वाद तो बढ़ता ही, साथ ही यह दवा का भी काम करती है. हल्दी विशेष प्रकार की औषधि है, जिसमें दैवीय गुण मौजूद होते हैं. विवाह में वर-वधु को हल्दी चढ़ाने के पीछे भी यही महत्व है कि उन्हें बाहरी बाधाओं से बचाया जाए साथ ही सेहत और सुंदरता के लाभ भी उन्हें मिले. हल्दी से ग्रहों की समस्याएं भी दूर की जा सकती हैं. ज्योतिष में बृहस्पति को मजबूत करने के लिए हल्दी का प्रयोग होता है.
यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरन्तर अस्वस्थ्य रहता है, तो प्रथम गुरूवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चीने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के उपर से 7 बार उतार कर गाय को खिला दें. यह उपाय लगातार 3 गुरूवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा. यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग गआ है, तो काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार उपर से उतार कर बहते हुये जल में प्रवाहित कर दें.
किसी की जन्मपत्रिका में गुरू और शनि पीड़ित है, तो वह जातक यह उपाय करें- शुक्लपक्ष के प्रथम गुरूवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे. यदि किसी के पास धन आता तो बहुत किन्तु टिकता नहीं है, उन्हे यह उपाय अवश्य करना चाहिए. शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें. यह उपाय करने से धन रूकने लगेगा.
यदि आपके व्यवसाय में निरन्तर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरूवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर 108 बार ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में प्रगतिशीलता आ जाती है. यदि आपका व्यवसाय मशीनों से सम्बन्धित है, और आए दिन कोई मंहगी मशीन आपकी खराब हो जाती है, तो आप काली हल्दी को पीसकर केशर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें. यह उपाय करने से मशीन जल्दी खराब नहीं होगी.