यूरोप के कई देशों में अचानक भीषण बिजली संकट पैदा हो गया. यूरोपीय देश स्पेन, पुर्तगाल और फ्रांस में सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम 4 बजे ब्लैकआउट हो गया है। इससे तीनों देशों के मेट्रो, एयरपोर्ट, रेल का संचालन और मोबाइल नेटवर्क ठप हो गए हैं। फ्रांस-स्पेन-पुर्तगाल में बिजली गुल है। बड़ी आबादी अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. इस आपात स्थिति से निपटने के लिए दोनों देशों ने तुरंत प्रोटोकॉल लागू कर दिए हैं. फिलहाल इसकी वजह की जांच की जा रही है. माना जा रहा है कि ये एक साइबर हमला भी हो सकता है.

स्पेन सरकार ने मोनक्लोआ में एक आपातकालीन बैठक बुलाई है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। वहीं फ्रांस में ब्लैकआउट के कुछ मिनट के अंदर ही पावर रिस्टोर कर लिया गया। यहां ब्लैकआउट का बहुत ज्यादा असर पड़ा भी नहीं था। स्पेन के बिजली ग्रिड के प्रमुख ने कहा है कि पावर रिस्टोर होने में 10 घंटे तक का समय लग सकता है। रेड इलेक्ट्रिका के सीईओ एदुआर्डो प्रिएटोएक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस समस्या को हल करने के लिए ऑपरेशन में छह से दस घंटे का समय लग सकता है।
अस्पताल और मेडिकल सर्विसेज प्रभावित
पावर ब्लैकआउट ने अस्पतालों को भी प्रभावित किया है। सर्जरी भी रद्द करनी पड़ी है। टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं के साथ-साथ, स्पेन और पुर्तगाल के नागरिकों ने मोबाइल नेटवर्क तक पहुंच न होने की भी शिकायत की है। इसके अलावा, मैड्रिड का बाराखास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी बिजली संकट से प्रभावित हुआ है। इसी दौरान क्षेत्र के कई अन्य हवाई अड्डों ने भी अपने संचालन को रोक दिया है।
ये हैं ब्लैकआउट की संभावित वजहें
यूरोप की इलेक्ट्रिक ग्रिड में खराबी इस ब्लैकआउट की वजह हो सकती है। फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम में अलारिक माउंटेन पर आग लग गई है। इससे पेरपिगन और पूर्वी नारबोन के बीच एक हाई वोल्टेज इलेक्ट्रिसिटी लाइन को नुकसान पहुंचा है। पुर्तगाल की राष्ट्रीय विद्युत कंपनी REN ने कहा कि इसे पावर आउट-रेज का एक संभावित कारण माना जा रहा है।
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