अमृतसर। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी के एयरपोर्ट पर हुए ड्रोन हमले में मारे गए दो भारतीयों के शव आज अमृतसर पहुंच गए. दोनों पंजाब के रहने वाले थे और रोजी-रोटी कमाने UAE गए थे, लेकिन अब दोनों की लाश घर पर पहुंची है, जिसे देख परिवारों में मातम पसरा हुआ है. दोनों युवकों की पहचान अमृतसर के बाबा बकाला साहिब के गांव महसामपुर खुर्द निवासी हरदीप सिंह और मोगा के बागा पुराना गांव नाथोके निवासी हरदेव सिंह के रूप में हुई है. दोनों के शवों को सम्मान के साथ परिवारों को सुपुर्द कर दिया गया है.

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सोमवार 17 जनवरी को एक संदिग्ध हाउती ड्रोन हमले में तीन तेल टैंकरों में धमाका होने से एक पाकिस्तानी और दो भारतीय नागरिकों सहित 3 लोग मारे गए थे. तेल टैंकर संयुक्त अरब अमीरात की प्रमुख ऊर्जा उत्पादक एडीएनओसी कंपनी के हैं. धमाके में दो भारतीयों सहित छह अन्य भी घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में उसी दिन छुट्टी दे दी गई थी. यह विस्फोट पेट्रोल टैंकरों पर किया गया था, जिसे मरने वाले तीनों युवक चला रहे थे. हरदीप के शव को लेने के लिए उनका परिवार अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचा, जबकि हरदेव सिंह के भाई सुखदेव सिंह शव को खुद लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे. इसके अलावा मोगा डीसी ऑफिस और अमृतसर डीएसपी बाबा बकाला हरकिशन सिंह भी दोनों शवों को रिसीव करने पहुंचे थे. एयरपोर्ट पर दोनों शवों को श्रद्धांजलि दी गई और शव परिवारों के सुपुर्द कर दिए गए.

मृतक हरदेव सिंह की फाइल फोटो

कम उम्र में दुबई पैसे कमाने गए थे हरदेव- सुखदेव

मृतक हरदेव के भाई सुखदेव ने बताया कि वह 18 साल का था, जब दुबई पैसे कमाने गया था. इतने साल तक सबकुछ अच्छा रहा, लेकिन आचानक इस हादसे ने उनके भाई की जान ले ली. हरदेव की पत्नी और उनका एक 4 साल का बच्चा है. पूरा परिवार नाथोके गांव में ही रहता है.

मृतक हरदीप सिंह की फाइल फोटो

मृतक हरदीप की कुछ ही महीने पहले हुई थी शादी

मृतक हरदीप के भाई राजबीर ने बताया कि उसकी उम्र 26 साल थी और कुछ ही महीने पहले उसकी शादी हुई थी. शादी के बाद हरदीप की पत्नी कनाडा चली गई और वह खुद यूएई चला गया था. यूएई में वह ऑयल टैंकर चलाता था. हरदीप की मौत की खबर के बाद पिता बलविंदर और माता चरणजीत कौर घर पर अकेले रह गए हैं.