अमृतसर. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पंजाब के कई शहरों में सुरक्षा तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास में पुलिस, अग्निशमन दल, एनसीसी कैडेट और स्कूली छात्रों ने हिस्सा लिया। मॉक ड्रिल के दौरान बम निरोधक दस्तों और स्निफर कुत्तों वाली टीमों ने संदिग्ध वस्तुओं की जांच की।


पंजाब के जालंधर, अमृतसर, मोहाली और लुधियाना जैसे शहर सायरन की आवाज से गूंज उठे। सायरन बजते ही स्कूलों में बच्चे मेज के नीचे छिप गए, जबकि खेल के मैदान में मौजूद बच्चे सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। रोपड़ जिले के नंगल स्थित डीएवी स्कूल में पुलिस ने छात्रों को सिविल डिफेंस के तरीकों के बारे में बताया और युद्ध जैसी स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने की ट्रेनिंग दी।


अमृतसर में सिविल डिफेंस प्रशिक्षण


अमृतसर में आयोजित मॉक ड्रिल में बचाव टीमों को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देने का प्रशिक्षण दिया गया। अग्निशमन टीमों ने आग लगने की स्थिति में उसे बुझाने का अभ्यास किया। छात्रों को घायलों को प्राथमिक चिकित्सा देने और उन्हें अस्पताल पहुंचाने के तरीके सिखाए गए।


जालंधर, लुधियाना, मोहाली में युद्धकालीन बचाव प्रशिक्षण


जालंधर, लुधियाना और मोहाली में भी युद्ध जैसी स्थिति में बचाव के तौर-तरीके समझाए गए। यह मॉक ड्रिल लगभग एक घंटे तक चली।


रात में भी होगी मॉक ड्रिल


पंजाब के 20 शहरों में बुधवार (7 मई) को मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। जालंधर में शाम 4 बजे सायरन बजने के साथ अभ्यास शुरू हुआ। रात में ब्लैकआउट के दौरान हवाई हमले से बचने के तरीकों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, देशभर में मॉक ड्रिल और सुरक्षा तैयारियों के अभ्यास के लिए आदेश जारी किए गए हैं। पंजाब के 20 शहरों को जोन-2 और जोन-3 में विभाजित किया गया है।