SEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Butch) के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश पर बॉम्बे हाईकोर्ट (HIGH COURT OF BOMBAY) ने रोक लगा दी है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की विशेष अदालत ने पूर्व SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ शेयर बाजार में धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघन के आरोप में शनिवार (1 मार्च, 2025) को मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.

बॉम्बे हाईकोर्ट में आज एक विशेष अदालत के फैसले पर सुनवाई हुई, जिसमें पूर्व SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) प्रमुख माधबी पुरी बुच समेत 6 अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी है.
माधबी बुच और अन्य अधिकारियों ने इस मामले को खारिज करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था. कोर्ट ने इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए स्वीकार किया और मंगलवार (4 मार्च 2025) को सुनवाई करते हुए जस्टिस शिवकुमार डिगे ने बुच और अन्य अधिकारियों के पक्ष में कार्यवाही पर रोक लगा दी.
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बता दें कि एक अयोग्य कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने के कारण निवशकों को हुए नुकसान को लेकर जर्नलिस्ट सपन श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की विशेष अदालत ने पूर्व सेबी प्रमुख अश्विनी भाटिया (सेबी के पूर्णकालिक सदस्य), अनंत नारायण जी (सेबी के पूर्णकालिक सदस्य), कमलेश चंद्र वर्श्नेय (सेबी के वरिष्ठ अधिकारी), प्रमोद अग्रवाल (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अध्यक्ष), सुंदररमन राममूर्ति (बीएसई के सीईओ). के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे.
इस पर SEBI ने कोर्ट में तर्क दिया कि नामित अधिकारी संबंधित समय में अपने पद पर नहीं थे. SEBI ने आगे बताया कि, ” स्पेशल कोर्ट ने SEBI को कोई नोटिस जारी किए बिना या तथ्यों को रिकॉर्ड पर रखने का मौका दिए बिना ही याचिका को मंजूरी दे दी.
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