नई दिल्ली. अनियमित जीवनशैली, पर्याप्त पोषण न लेना और हार्मोन का गलत तरीके से इस्तेमाल करना ट्रांसजेंडरों के लिए खतरा बन रहा है. उनमें हड्डी से जुड़ी बीमारियों का दुष्प्रभाव अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा पाया गया है.
एम्स दिल्ली के एक अध्ययन के मुताबिक, राजधानी में रहने वाले 80 फीसदी ट्रांसजेंडर हड्डी की ऑस्टियोपोरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में हैं. हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों की टीम ने यह शोध किया है. इनमें प्रमुख अध्ययनकर्ता डॉक्टर विवेक दीक्षित, प्रोफेसर भावुक गर्ग और राजेश मल्होत्रा शामिल हैं. डॉ. दीक्षित ने बताया कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 172 ट्रांसजेंडरों पर शोध किया गया. डॉक्टर विवेक ने बताया कि आमतौर पर ऑस्टियोपीनिया यानी हड्डी के बेहद कम घनत्व की परेशानियां लोगों को बुढ़ापे में होती हैं, लेकिन जिन ट्रांसजेंडर आबादी में यह समस्या मिली.
20 फीसदी की हड्डी कभी न कभी फ्रैक्चर हुई
डॉ. दीक्षित ने बताया कि ट्रांसजेंडर आबादी की जीवनशैली बेहद खराब है. अनियमित खानपान और आदतों के कारण उनकी हड्डियां कमजोर हो रही हैं. अध्ययन में शामिल 20 फीसदी ट्रांसजेंडर की हड्डी पहले एक या इससे अधिक बार फ्रैक्चर हो चुकी हैं. मामूली दबाव भी उनकी हड्डियां झेलने में सक्षम नहीं हो पाती हैं.