रायपुर. देश में कोरोना वायरस एक बार फिर बेकाबू हो चुका है. हर रोज रिकार्ड तोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं. इसी बीच भारत की वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने एक बड़ा दावा किया है. भारत बायोटेक ने दावा किया है कि कोरोना के ओमीक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण को रोकने की रोग-प्रतिरोधक क्षमता है.

अध्ययन में हुआ खुलासा

भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि एमोरी यूनिवर्सिटी में किए गए अध्ययन से यह पता चला है कि जिन लोगों को कोवैक्सीन की बूस्टर डोज शुरुआती दो डोज के 6 महीने बाद दी गई, उनमें सार्स-कोवी-2 के ओमीक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रतिरक्षा क्षमता बनती नजर आई है.

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इससे पहले अध्ययनों में सार्स-कोवी-2 के अन्य वेरिएंट्स अल्फा, बीटा, डेल्टा, जीटा और कप्पा को रोकने में कोवैक्सीन की प्रभाव क्षमता की जानकारी मिली थी. अध्ययन के नतीजों का जिक्र करते हुए भारत बायोटेक ने कहा कि जिन लोगों को कोवैक्सीन की बूस्टर डोज दी गई है, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक में संक्रमण को रोकने वाली एंटीबॉडी बनती दिखी है.

तेजी से बढ़ते ओमीक्रॉन ने बढ़ाई चिंता

प्रयोगशाला विश्लेषण का नेतृत्व करने वाले एमोरी वैक्सीन सेंटर के सहायक प्राध्यापक मेहुल सुथार ने कहा कि विश्वभर में ओमीक्रॉन ने एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता पैदा कर दिया है. प्राथमिक विश्लेषण से प्राप्त डेटा से पता चला है कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज लेने वाले व्यक्ति में ओमीक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा क्षमता पैदा हुई.

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उन्होंने कहा इन नतीजों से यह पता चलता है कि बूस्टर डोज में रोग की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को घटाने की क्षमता है. भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने कहा कि कंपनी निरंतर अध्ययन कर रही है और कोवैक्सीन उत्पाद को बेहतर बना रही है.

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