रायपुर. आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों झूठ और भ्रम फैलाने की राजनीति कर रहे हैं. दोनों पार्टियां सरकार में आने पर कानून को धता बता देते हैं. राज्य की सरकार कह रही है कि कांग्रेस सरकार ने धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, सार्वजनिक आयोजन के संबंध में जो निर्देश जारी किए है वह नए नहीं है इस प्रदेश में पहले से लागू है. पिछले कुछ दशकों से लागू है. पूर्ववर्ती रमन सरकार के समय से लागू है. आयोजनों के दौरान शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूर्ववत बने नियमों के पालन की ही बात है इस निर्देश में है. जो नियम भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में लागू थे.

पूर्ववर्ती रमन सरकार के द्वारा बनाए गए छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम 2007 के धारा 34 में सभाओं, जुलूस और परिसरों के विनियमन के तहत पुलिस को यह कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए धरना प्रदर्शन, आंदोलन, आयोजन की अनुमति के लिए यह अधिकार दिया गया है कि वह शर्तों के साथ अनुमति प्रदान करें. ये नियम भी भाजपा ने बनाया 15 साल पालन भी करवाया और अब विरोध भी यही लोग कर रहे यह है। ये नूरा कुश्ती क्यों?

वहीं भाजपा द्वारा राज्य में धरना-ग्रदर्शन के लिए मंजूरी अनिवार्य के विरोध में जेल भरो आंदोलन को घोषणा की है. 15 दिनों के भीतर यह आदेश वापस लें, वरना भाजपा लोकतंत्र की रक्षा में जेल भरो आंदोलन समेत हर तरह का आंदोलन करने, बलिदान देने, सड़क पर उतरने को मजबूर होगी और इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस सरकार की होगी.

ये दोनों, भाजपा और कांग्रेस सिर्फ नूराकुश्ती कर जनता को गुमराह कर रही है और जनता को मूल मुद्दो – किसानों की समस्या, बेरोजगारी, पेयजल , स्वास्थ्य, आंदोलन रत कामगारों की मांग, तमाम चुनावी वादा आदि से भटका रही है. इन दोनों पार्टियों को जनता को नूराकुश्ती कर भटकाना बखूबी आता है.

वहीं जब अन्य पार्टियों या कर्मचारी संगठनों को अपनी मांगों के लिए आंदोलन करना होता है, तो ये नियम कानून कड़ाई से लागू कर आवाज कुचलकर दबाव बनाते हैं जो की लोकतान्त्रिक व्यवस्था में गलत है जिसका आम आदमी पार्टी हमेशा से विरोध करती रही है. स्वस्थ्य लोकतंत्र में अपनी जायज मांगों को जायज तरीके से मांग करने का हर नागरिक और संगठन को पूरा अधिकार होता है.