रायपुर। लाइलाज ‘प्रोजेरिया’ बीमारी से जूझ रहे गरियाबंद के आदिवासी किशोर शैलेन्द्र ध्रुव के मन-मस्तिष्क में 22 अक्टूबर का दिन हमेशा के लिए अंकित हो गया है. 16 वर्षीय शेलेंद्र ने पहले गरियाबंद में कलेक्टर का पदभार संभाला. इसके बाद रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ उन्हें अपने हाथों से मिठाई खिलाई, फिर पुलिस बल ने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया.

शैलेंद्र ध्रुव के जीवन-संघर्ष की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को उन्हें रायपुर बुलवाया था. यहां आईजी-एसपी कॉन्फ्रेंस के दौरान शैलेंद्र से मुलाकात की. मुख्यमंत्री के पूछे जाने पर शैलेंद्र ने बताया कि वह कक्षा ग्यारहवीं का छात्र है, उसके पिता बंशीलाल ध्रुव तथा मां रामकली ध्रुव खेती-किसानी करते हैं. साथ ही भविष्य में कलेक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं.

मुख्यमंत्री ने शैलेन्द्र को कान्फ्रेंस में उपस्थित मंत्री द्वय रविन्द्र चौबे और ताम्रध्वज साहू के साथ मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी तथा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का परिचय कराया. वहीं गरियाबंद पुलिस अधीक्षक पारूल माथुर से शैलेंद्र का परिचय कराते हुए मुख्यमंत्री ने शैलेंद्र को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आमंत्रित करने को कहा.

 

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मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर संभाग के आईजी पी. सुंदरराज का परिचय देते हुए बताया कि ये नक्सलियों से लड़ते हैं और आईजी इंटेलिजेंस आनन्द छाबड़ा का परिचय देते हुए बताया कि ये सूचना प्रमुख हैं. मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान शैलेन्द्र से पूछा कि उन्हें ठेठरी, खुरमी पसन्द है या चॉकलेट. शैलेन्द्र की पसंद पर मुख्यमंत्री ने उसे खूब सारी चॉकलेट दी और अपने हाथों से मिठाई भी खिलाई.

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