मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की ऋषि परंपरा की मान्यता रही है कि मन, व्यक्ति के बंधन व मोक्ष का कारण है. सद्गुरु रविदास जी ने भी कहा कि मन चंगा तो कठौती मे गंगा यानी मन की बहुर्मुखी वृत्ति को जो व्यक्ति अंतर्मुखी कर लेगा, वह न केवल आत्मिक संतुष्टि का लाभ प्राप्त कर सकता है, बल्कि विश्व कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त कर सकता है. दुनिया में आज जो आतंकवाद, उपद्रव व अराजकता है, इसके पीछे मन की चंचल वृत्तियां हैं. जहां भी अराजकता देखने को मिलती है, उसके पीछे वह बहुर्मुखी वृत्तियां हैं, जो उसे नकारात्मकता की तरफ लेकर जाती है. जीवन का एक पक्ष सकारात्मकता की तरफ ले जाकर अच्छे कार्य की प्रेरणा देता है तो दूसरा पक्ष नकारात्मकता की तरफ लेकर जाता है. भारत की परंपरा ने राक्षसी वृत्ति को आतंकवाद के रूप में माना है और भौतिक-आध्यात्मिक रूप से उसके खिलाफ लड़ाई भी लड़ रहा है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की उपस्थिति में ब्रह्माकुमारीज लखनऊ में विश्व एकता और विश्वास के लिए ध्यान (योग) के राज्य स्तरीय उद्घाटन समारोह में अपनी बातें रखीं. सीएम योगी ने कहा कि 2014 में मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व संभालने के बाद भारत की योग की विधा को यूएनओ से मान्यता दिलाकर 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दिलाई थी. पूरा भारत प्रधानमंत्री के प्रति हृदय से आभारी है कि उन्होंने ऋषि परंपरा के ‘प्रसाद’ योग विधा को वैश्विक मान्यता दिलाई.

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सीएम योगी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का स्वागत किया. सीएम ने कहा कि राष्ट्रपति का जीवन शिक्षक के रूप में भी प्रेरणादायी रहा है. उन्होंने अपना जीवन शिक्षक के रूप में आगे बढ़ाया, फिर जनसेवा के भाव से पार्षद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की यात्रा की. उनकी यह यात्रा संघर्ष की बड़ी गाथा है, जो हर भारतीय के लिए नई प्रेरणा है.

सकारात्मक भाव का संचार कर रहा ‘ब्रह्माकुमारीज’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़ी बहनों और पदाधिकारियों का अभिनंदन किया और कहा कि आज भी अपने कार्यक्रमों और राजयोग के माध्यम से निरंतर सकारात्मक भाव का संचार कर रहे हैं. सीएम योगी ने राजयोग के प्रशिक्षण की दृष्टि से लखनऊ के प्रशिक्षण केंद्र की सराहना भी की. कहा कि यह शानदार केंद्र लगभग बनकर तैयार हो चुका है. यह उत्तर प्रदेश का उत्तम प्रशिक्षण केंद्र बन सकता है. जहां से एक दिन, तीन दिन और साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ समाज को जोड़ने का माध्यम प्राप्त होगा. सीएम ने आशा जताई कि ब्रह्माकुमारी इस थीम को वर्ष भर प्रदेश, देश और दुनिया में ले जाने में सफल होगा.