Brahma Muhurat: हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को अत्यंत शुभ और शक्तिशाली समय माना गया है, विशेषकर मंत्र-साधना और सिद्धि के लिए. यह समय सूर्योदय से लगभग 1.5 घंटे पहले, यानी सुबह 4:00 से 5:30 के बीच होता है. वेद-पुराणों और आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त में किया गया मंत्र-जप, ध्यान या साधना अत्यंत फलदायी होती है. इस समय वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा चरम पर होती है और भक्तों का मन–मस्तिष्क भी एकाग्र रहता है. इसलिए यदि आप मंत्र सिद्धि या आत्मिक शांति की खोज में हैं, तो अगस्त का माह और ब्रह्म मुहूर्त का समय साधना के लिए सर्वोत्तम है.
शास्त्रों के अनुसार, इस समय देवी-देवता पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं और साधक पर उनकी कृपा सुलभ होती है. ब्रह्म मुहूर्त में उठने से केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है, ऊर्जा में वृद्धि, रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा और मानसिक शांति मिलती है. कहा जाता है कि जो साधक ब्रह्म मुहूर्त में साधना करता है, उसकी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं और उसे जीवन में सफलता, समृद्धि और प्रसन्नता प्राप्त होती है.
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Brahma Muhurat
मंत्र जाप के लिए उपयुक्त मंत्र (Brahma Muhurat)
ॐ कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती. करमूले तु परम ब्रह्म, प्रभाते कर दर्शनम्.
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् (गायत्री मंत्र)
ॐ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी… सर्वे ग्रह शांति करा भवंतु.
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अगस्त महीने में ब्रह्म मुहूर्त की महत्ता (Brahma Muhurat)
अगस्त के महीने में मौसम तुलनात्मक रूप से शांत और प्रफुल्लित होता है, जिससे ब्रह्म मुहूर्त के वक्त वातावरण अधिक स्वच्छ और शुद्ध रहता है. इस माह में वर्षा ऋतु का अंतिम चरण और शरद ऋतु का आरंभ होता है, जिससे वातावरण में सकारात्मकता और शीतलता दोनों मिलती हैं.
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