कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) के ब्राह्मणों को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मचना शुरू हो गया है. ग्वालियर में मध्य प्रदेश ब्राह्मण एकता परिषद (MP Brahmin Ekta Parishad) की बड़ी बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में मौजूद अलग-अलग ब्राह्मण समाज के संगठनों ने तय किया है कि मोहन भागवत को अपने दिए बयान को 2 दिन में प्रमाणित करना होगा या ब्राह्मण समाज से माफी मांगनी होगी. ऐसा ना करने पर ब्राह्मण समाज सड़क पर उतर कर बड़ा प्रदर्शन करेगा. मोहन भागवत श्रीमद्भागवत गीता (Shrimad Bhagwat Gita) के चौथे अध्याय के 13वे श्लोक में और 18वे अध्याय में 41वे श्लोक से लेकर 46वे श्लोक में लिखी बातों को पढ़ ले और ब्राह्मणों से माफी मांगे.

ब्राह्मण एकता परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रामबाबू कटारे (Rambabu Katare) का कहना है कि यह बयान पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण है. सबसे ज्यादा दुखद बात यह है कि देश के इतने बड़े संगठन का सर्वोच्च अधिकारी ऐसा गैर जिम्मेदराना बयान दे रहा है. मोहन भागवत जी को अपने इस बयान को देने से पहले श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन कर लेना चाहिए था. गीता में मोहन भागवत के बयान के विपरीत सभी तथ्य हैं. श्रीमद्भागवत गीता के चौथे अध्याय में मोहन भागवत के बयान का जवाब है. जिस समय योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता का उपदेश दिया है.

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उस समय गीता के चौथे अध्याय के 13वे श्लोक में भगवान ने खुद कहा है कि जातियो का निर्माण उन्होंने ही किया है. श्रीमद्भागवत गीता के 18वे अध्याय के 41वे श्लोक से लेकर 46वे श्लोक तक जाति धर्म का विवरण देते हुए जातियों के क्या कर्तव्य है यह तक भगवान ने बताया है. जिन बातों को भगवान ने अपने शास्त्रों में उल्लेखित किया है, तो फिर ब्राह्मणों पर ऐसा गंभीर आरोप कैसे लगाया जा सकता है ? यदि यह सब जानकर भी मोहन भागवत इस तरह का बयान दे रहे हैं तो क्या वह गीता का खंडन कर रहे हैं. भगवान श्री कृष्ण की कही हुई बात खंडन कर रहे हैं. उन्होंने यह आरोप भी लगाया है कि मोहन भागवत का यह बयान राजनीतिक रूप से प्रेरित होकर या फिर भावनाओं में बह कर दिया गया बयान है.

गौरतलब है कि मोहन भागवत के इस बयान के बाद ब्राह्मण समाज ने चेतावनी दी है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से लेकर अन्य राजनीतिक संगठन भी मोहन भागवत के बयान की निंदा करते हुए जमकर बीजेपी और आरएसएस को कोस रहे हैं. बता दें कि मोहन भागवत ने कल कहा था कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं. उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वो गलत था. भारत देश हमारे हिन्दू धर्म के अनुसार चलकर बड़ा बने और वो दुनिया का कल्याण करे. उन्होंने आगे कहा कि हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं.

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