BRAIN TUMOR DAY SPECIAL: प्रतीक चौहान. रायपुर. पिछले कुछ समय से युवाओं में ब्रेन ट्यूमर के मामले बढ़े हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण तनाव और मोबाइल का यादा इस्तेमाल है. चूंकि ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत में सिरदर्द और उल्टी जैसे सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं.

इसलिए लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. इसका सबसे ज्यादा खतरा 5-10 साल के बच्चों और 50 से 70 साल के लोगों को होता है. मगर पिछले एक दशक में ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं, जिनमें 15 से 30 साल के युवाओं में भी ब्रेन ट्यूमर के मामले देखे गए हैं. इसकी वजह मोबाइल का अधिक यूज है. ऐसे में ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षणों को जानना आपके लिए जरूरी है, ताकि समय रहते इस खतरनाक बीमारी का पता चल जाए और इलाज कराया जा सके.

ब्रेन ट्यूमर क्या होता है? (BRAIN TUMOR DAY SPECIAL)

राजधानी रायपुर के न्यूरो सर्जन डॉ राहुल अहलुवालिया (Dr Rahul Ahluwalia) कहते है कि ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं की एक गांठ (lump) है. इन ब्रेन ट्यूमर को प्राथमिक (primary) और द्वितीय (secondary) ब्रेन ट्यूमर में वर्गीकृत किया जाता हैं. प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि के कारण ही बनते हैं, जबकि द्वितीय ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं को छोड़कर शरीर की अन्य कोशिकाओं से विकसित होते हैं.

  Dr Rahul Ahluwalia कहते है कि पिछले कुछ वर्षों में जब से मोबाइल हर किसी की पहुंच में आए है, तब से ब्रेन ट्यूमर के केसस बढ़े है. लेकिन सिर्फ मोबाइल की वजह से ही किसी मरीज को ब्रेन ट्यूमर हुआ हो, ऐसी कोई स्टडी भी अब तक सामने नहीं आई है. लेकिन निश्चित रूप से मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन ब्रेन के लिए घातक जरूर है.

ब्रेन ट्यूमर होने के क्या कारण हैं?

साधारणत: ब्रेन ट्यूमर तब बनता है जब मस्तिष्क कि कुछ कोशिकाएं आकार या संख्या में असामान्य रूप से वृद्धि करने लगती है. आम तौर पर शरीर की प्रत्येक कोशिका में उपस्थित डीएनए में संग्रहीत निर्देशों द्वारा कोशिका विभाजन या वृद्धि की प्रक्रिया को नियंत्रित किया जाता है. कभी-कभी इस डीएनए में संग्रहीत जानकारी में परिवर्तन (mutation) हो जाता है,जिससे कोशिका गतिविधि असामान्य हो जाती है. इसके फलस्वरूप असामान्य गांठ या ट्यूमर बनने लग जाता है. कुछ जोखिम कारक ब्रेन ट्यूमर की संभावना को बढ़ाते हैं, जैसे कि:

1. उम्र: हालाँकि ब्रेन ट्यूमर किसी को किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन ज़्यादातर यह छोटे बच्चों और वृद्ध लोगों में आम है.

2. लिंग: पुरुषों में ब्रेन कैंसर होने की संभावना महिलाओं की तुलना में अधिक होती है.

3. पारिवारिक इतिहास: आनुवंशिक कारक सभी ब्रेन ट्यूमर में से लगभग 5% ब्रेन ट्यूमर के लिए जिम्मेदार होते हैं.

4. घर और कार्यस्थल का वातावरण: घर और कार्यस्थल पर कीटनाशकों, सॉल्वैंट्स, विनाइल क्लोराइड, तेल उत्पादों और रबर के संपर्क में आने से ब्रेन कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है, हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक पुष्टिकरण नहीं हुआ है.

5. संक्रमण: मस्तिष्क में संक्रमण से सीएनएस लिंफोमा होने की संभावना बढ़ जाती है.

6. सिर पर चोट: हालाँकि कुछ अध्ययनों में विशेषज्ञों ने गहरी सिर की चोट और ब्रेन ट्यूमर, विशेष रूप से मेनिन्जियोमा, के बीच संबंध पाया है, लेकिन ब्रेन ट्यूमर और सिर की चोट के सहसंबंधन के पुख़्ता सबूत अभी भी अपर्याप्त हैं.

7. आयनित रेडिएशन: शरीर या मस्तिष्क पर की गई पुरानी रेडिएशन थेरेपी की वजह से ब्रेन ट्यूमर होने का ख़तरा बढ़ जाता है.

8. विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के लगातार संपर्क में रहना: हालाँकि, मोबाइल फोन और बिजली लाइनों के उपयोग और वयस्कों में मस्तिष्क के कैंसर के विकास के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है. फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के ख़तरे को कम करने के लिए वयस्कों और बच्चों को अपने सेल फोन के उपयोग को सीमित करना चाहिए और हो सके तो हैंड्स-फ्री हेडफ़ोन का ही इस्तेमाल करना चाहिए.

ब्रेन ट्यूमर के संकेत और लक्षण

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उसके प्रकार, विकास की दर, स्थान और ट्यूमर की गंभीरता पर निर्भर कर सकते हैं. धीमी गति से बढ़ने वाले ट्यूमर का व्यक्ति को तब तक पता नहीं चल पाता जब तक कि वे पर्याप्त बड़े नहीं हो जाते और आस-पास की नसों पर दबाव डालते हैं, जिससे विभिन्न लक्षण महसूस होते हैं. बोलने, देखने, और सुनने की क्षमता और संचलन जैसी कुछ गतिविधियों के लिए मस्तिष्क के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बनने वाले ट्यूमर उन क्षमताओं में कमी का कारण बनते हैं. ब्रेन ट्यूमर के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

•      सिरदर्द, विशेष रूप से सुबह उठते ही

•      उल्टी और जी मिचलाना

•      आपकी बोलने, सुनने या देखने की क्षमता में परिवर्तन

•      संतुलन और चलने में दिक़्क़त

•      स्मृति या याद रखने में समस्या

•      थकान दिन भर नींद आते रहना

•      मूड या व्यवहार में परिवर्तन

•      दौरे आना